नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ किसान 19 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि ये कानून उनके हित में नहीं है, सरकार इसे वापस ले।

लेकिन सरकार किसानों की मांगें सुनने के बजाए उनके आंदोलन को ही बदनाम करने में लगी है। सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं की ओर से लगातार किसान आंदोलन पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं।

अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि किसान आंदोलन के ज़रिए की देश की एकता और अखंडता को चुनौती दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर देश की सुरक्षा में सेंध लगाने का कार्य किया जा रहा है, यह कतई स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। समाधान संवाद से होगा, संघर्ष से नहीं। ये बातें सीएम योगी ने मेरठ में एक रैली के दौरान कहीं।

उन्होंने आंदोलन कर रहे किसानों पर तंज़ कसते हुए कहा कि जब हम किसान भाइयों से मिलें तो हम उन्हें ‘राम राम’ कहकर संबोधित करें।

उन्होंने आगे कहा कि साथ ही हमारी बहन-बेटियों की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों को बख्शें नहीं। दुराचारियों व अपराधियों की ‘राम नाम सत्य है’ की यात्रा निकालने का काम करें।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सीएम योगी के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट कर कहा, “किसान भाईयों से अनुरोध है भाजपा के PM CM मंत्रियों से जब भी मिलें उनसे कहें “राम-राम अडानी के ग़ुलाम कैसे हो? मालिक से कितनी दलाली मिली ज़रूर पूछें?”