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मध्यप्रदेश में 75 हजार अतिथि शिक्षकों को बेरोजगार करेगी सरकार
अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की मांग – इंडियन पीपुल्स अधिकार पार्टी

Madhyapradesh News 2024:मध्यप्रदेश के 75 हजार अतिथि शिक्षकों के लिए ये बुरी खबर है। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब अतिथि शिक्षक नियमित नहीं होंगे। स्कूल शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षकों को सीधे नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है, उन्हें सिर्फ सीधी भर्ती में 25 फीसदी का आरक्षण दिया जाएगा। हाईकोर्ट के निर्देश पर अतिथि शिक्षकों की नियमित करने की याचिका का लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने निराकरण कर गुरुवार को आदेश जारी कर दिया। यानि अतिथि शिक्षकों के नियमितिकरण का मामला अब पूरी तरह खत्म हो गया है। सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर पं. पुरूषोत्तम तिवारी राष्ट्रीय अध्यक्ष इंडियन पीपुल्स अधिकार पार्टी ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। कहा कि मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षक इस माह के बाद क्या करेंगे? इस पर मुख्यमंत्री को विचार करना चाहिए आप प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के नाते अपनी जिम्मेदारियों पर यूं मौन नहीं रह सकते। उन्होंने 75 हजार कोई ेछोटा-मोटा आंकड़ा नहीं होता और इन शिक्षकों के साथ इनके परिवारजनों की भी अजीविका का सवाल भी है। इससे मध्यप्रदेश के लगभग 5 लाख लोग के जीवनयापन पर सवाल खड़ा हो जायेगा।

इसमें ही कई अतिथि शिक्षकों को उकूलों में सेवाएं देते हुए 15 साल तक का समय हो चुका है। इसे लेकर प्रदेश के कई अतिधि शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियमित करने की मांग की थी। अतिथि शिक्षकों का कहना था कि वे शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण है और डीएड-बीएड प्रशिक्षित हैं। तीन वर्ष से लेकर 15 वर्षों तक लगातार अतिथि शिक्षक के रूप में पढ़ाने का अनुभव है। अन्य राज्यों में भी अतिथि शिक्षकों को नियमित किया गया है। इस आधार पर मध्य प्रदेश में श्री नियमित किया जाए। हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से जारी आदेश में लिखा है कि मध्य प्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम 2018 एवं संशोधित नियम एक दिसंबर 2022 के अनुसार सीधी भर्ती से रिक्त पदों की पूर्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा के बाद शिक्षक चयन परीक्षा के माध्यम से शिक्षक भर्ती का प्रविधान है। सीधे नियमित किए जाने का कोई प्रविधानध्नियम नहीं है। अतिथि शिक्षकों के लिए शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तियों की 25 प्रतिशत रिक्तियां अतिथि शिक्षक वर्ग के लिए आरक्षित की जाएगी। जिनके द्वारा न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों में एवं 200 दिन मप्र शासन द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य किया गया है, लेकिन अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित पदों की पूर्ति नहीं हो पाने की स्थिति में रिक्त रहे पदों की अन्य पात्रताधारी अभ्यर्थियों से भरा जाएगा।

मध्यप्रदेश की सरकार से इंडियन पीपुल्स अधिकार पार्टी मांग करती है कि मध्यप्रदेश के 5 लाख लोगों के जीवन को बचाने के लिए मानवीय दृष्टिकोण अतिथि शिक्षकों के अनुभवों का लाभ लेते हुए वर्तमान में जो अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं उन्हें उसी स्थान पर नियमित करने के लिए न्यायसंगत कानून को बनायें।

ब्यूरो The Star India,New Delhi