पत्रकार नरोत्तम सिंह की रिपोर्ट


लोजपा चिराग पासवान की थी ,है और आगे भी चिराग पासवान की रहेगी। लोजपा का मतलब है चिराग पासवान, उक्त बातें बक्सर जिला लोजपा के जिलाध्यक्ष सह डुमराँव विधान सभा के लोजपा प्रत्याशी अखिलेश कुमार सिंह ने कहीं।
जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह ने कहाँ की स्वर्गीय रामबिलास पासवान जी ने इन बागी सांसदो को राजनीतिक पहचान दिलाई ,सांसद व विधायक बनाया। संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर बिठाया। जिसके चलते रामविलास पासवान जी के ऊपर परिवावाद का भी आरोप लगा। आज यही लोग रामविलास पासवान जी के साथ धोखा देने का कार्य किया है। रामबिलास पासवान जी के सपनों को ठोस पहुंचाया है। बिहार की जनता व लोजपा के एक एक कार्यकर्ता इन सभी को माफ नहीं करेंगे। पशुपति कुमार पारस ने पार्टी के साथ असंवैधानिक कार्य किया है। पार्टी के संविधान के खिलाफ कार्य किया है। इसीलिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री चिराग पासवान जी ने इन पांचो बागी सांसदो को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी संविधान के हिसाब से संसदीय दल का नेता चुनने का अधिकार पार्टी संसदीय बोर्ड का हैं।
जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह ने कहाँ की बक्सर जिला के एक एक कार्यकर्ता जिला कमिटी, प्रखंड व नगर कमिटी पंचायत अध्यक्ष, बुथ अध्यक्ष, प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों व पार्टी के जिला सभी समर्थक माननीय श्री चिराग पासवान जी के साथ चट्टान की तरह खड़ा हैं। साथ ही बताना चाहता हूँ कि शाहाबाद के बक्सर, कैमूर,रोहतास व भोजपुर जिला के एक एक कार्यकर्ता व पदाधिकारी माननीय श्री चिराग पासवान जी के साथ है।पारस गुट को शाहाबाद के कार्यकर्ता ने नकार दिया है। कुछ दिनों से चल रहे लोजपा में उथल-पुथल से बिहार की जनता के बीच चिराग पासवान जी का लोकप्रियता काफी बढा है। हर समाज के वर्गो से आवाज निकल रही है कि चिराग पासवान जी के साथ इन बागियो ने धोखा किया है।
जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह ने कहाँ की की पार्टी को तोडने में जनता दल यूनाइटेड ने अहम योगदान निभाया है ।जद यू को विधानसभा में मिली करारी हार के चलते जद यू चिराग पासवान जी से डर गयी है। इसी की बदौलत षडयन्त्र रचकर पारस के कंधे पर बंदूक रखकर षडयंत्र रचकर पार्टी को कमजोर करने का प्रयास किया। लेकिन मैं बता देना चाहता हुँ कि इससे चिराग पासवान जी डरने वाले नहीं है न कमजोर होने वाले है।चिराग पासवान आज बिहार की राजनीति में काफी मजबूत बनकर उभरे है ।बिहार के दलित, शोषित, वंचित व पिछड़ा समाज के लोगों का आवाज काफी मजबूती के साथ आगे की ओर ले जाऐंगे। साथ ही कुछ दिनों बाद ही पांचो बागी सांसदो का बजूद अपने आप समाप्त हो जाएगा। यह पांचों बागी न घर के रहेंगे न घाट रहेंगे। ।