BJP में शामिल होने के बाद शहजाद अली ने कहा कि मैं भाजपा में शामिल हुआ हूं ताकि हमारे समुदाय में शामिल उन लोगों को गलत साबित किया जा सके जो सोचते हैं कि बीजेपी हमारी दुश्मन है.
दिल्ली में शाहीन बाग के सामाजिक कार्यकर्ता और सीएए के खिलाफ भाजपा सरकार का विरोध करने वाले शहजाद अली रविवार (16 अगस्त, 2020) को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और पार्टी नेता श्याम जाजू की मौजूदगी में BJP पार्टी में शामिल हो गए.
भाजपा में शामिल होने के बाद शहजाद अली ने कहा कि मैं भाजपा में शामिल हुआ हूं ताकि हमारे समुदाय में शामिल उन लोगों को गलत साबित किया जा सके जो सोचते हैं कि भाजपा हमारी दुश्मन है. उन्होंने कहा कि हम सीएए की चिंताओं पर एक साथ बैठेंगे. शहजाद अली कुछ दिनों पहले तक भाजपा के मुखर विरोधी थी और शाहीन बाग में सरकार के खिलाफ बुलंद आवाज करने वालों में से एक थे.
शाहीन बाग में धरना खत्म होने के बाद से ही उनका रुख बदला-बदला नजर आ रहा था. उन्होंने सोशल मीडिया पर सरकार का पक्ष लेना शुरू कर दिया था. इधर दिल्ली भाजपा के पदाधिकारियों की नयी टीम की घोषणा आगामी सप्ताह में होने की संभावना है. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि नई नियुक्तियों पर विचार-विमर्श अंतिम चरण में है और घोषणा संभवत: आने वाले सप्ताह में की जा सकती है.
उन्होंने कहा कि विभिन्न पदों के लिए नेताओं के नाम लगभग तय हो गए हैं. दिल्ली भाजपा के नेताओं ने इस सप्ताह की शुरुआत में संगठनात्मक मामलों पर आरएसएस नेतृत्व के साथ एक बैठक में चर्चा की थी और एक और बैठक अगले 1-2 दिनों में होने वाली है. वहीं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि नए पदाधिकारियों के नामों की घोषणा जल्द की जाएगी.
उन्होंने हालांकि इसके लिए कोई विशिष्ट समय नहीं बताया. उन्होंने कहा कि हमारे पार्टी के संविधान के अनुसार विभिन्न सामाजिक और जाति समूहों से महिलाओं सहित नेताओं को अनुपातिक प्रतिनिधित्व दिया जाता है. उल्लेखनीय है कि भाजपा की राष्ट्रीय इकाई ने दिल्ली इकाई के संगठनात्मक पुनर्गठन के लिए अपने महासचिव अरुण सिंह और महिला मोर्चा अध्यक्ष विजया रहतकर को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.
आपको बता दे कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में विरोध हो रहा था. इस दौरान शाहीन बाग इस विरोध का केंद्र बनकर सामने उभरा था. यहां महिलाओं ने लगभग 3 महीने तक धरना दिया. इस दौरान पूरे देश से इसका विरोध करने वाले यहां जुटते रहे. शहजाद अली भी काफी ऐक्टिव थे और सीएए के विरोध में अपनी बात रखते थे
इससे पहले भी वह बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ बोलते रहे हैं. शाहीन बाग में धरना खत्म करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी दखल दिया था और उनसे संवाद करने के लिए दो वकीलों को नियुक्त किया था लेकिन इसका भी कोई हल नहीं निकला. कोरोना काल शुरू होने के बाद यह धरना खुद-ब-खुद खत्म हो गया और सीएए का विरोध भी अपने आप दब गया.