विधायकों की तोड़फोड़ से बचाए रखने के लिए अब बीजेपी ने भी अपने विधायकों की बाड़ाबंदी शुरू कर दी है. चाहे बीजेपी ने पहले कांग्रेस विधायकों की बाड़ाबंदी की आलोचना की हो लेकिन कांग्रेस नेताओं की ओर से बीजेपी विधायकों से संपर्क के बाद अब पार्टी के पास इसके अलावा और कोई चारा भी नहीं रहा था.

इसी कड़ी में शनिवार को सुबह एक चार्टर प्लेन से 6 विधायकों को जयपुर एयरपोर्ट से पोरबंदर भेजा गया. इनमें से आधे यानी तीन विधायक भीलवाड़ा जिले के हैं जो पहली बार विधायक चुने गए हैं. करीब 20 विधायकों को गुजरात भेजा गया है. बताया जा रहा है कि कुछ विधायकों को पोरबंदर के होटल लॉर्ड्स में रखा गया है. कुछ एमएलए अहमदाबाद के किसी होटल में रुकवाए गए हैं.

पोरबंदर पहुंचने के बाद विधायक निर्मल कुमावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने पक्ष में वोट डालने के लिए हम पर दबाव डाल रही है. हम यहां 2 दिन रुकेंगे. कुछ और विधायक भी आएंगे. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी कहा, हमें इनपुट मिला था कि उनके (कांग्रेस के) नेता और कुछ अफसरों ने हमारे विधायकों पर दबाव डालना शुरू कर दिया है. इसलिए हमें सतर्कता रखनी है.

बीजेपी ने इन्हें पहली बार टिकट दिया और विधायक बने

राजनीतिक हलकों में ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा पहले उन विधायकों को शिफ्ट कर रही है जो कमजोर कड़ी माने जाते हैं. और कांग्रेस नेताओं के संपर्क में थे. शनिवार को भीलवाड़ा जिले के आसींद के जबर सिंह सांखला जहाजपुर के गोपीचंद मीणा और मांडलगढ़ के गोपाल शर्मा को चार्टर्ड प्लेन से पोरबंदर भेजा गया है. इन तीनों को भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार टिकट दिया था और यह चुनाव जीतकर विधायक बने हैं. गोपीचंद मीणा पहले नागौर जिले में शिक्षा विभाग में पीटीआई के रूप में कार्यरत है तो जबर सिंह सांखला चाय की थड़ी चलाते थे. गोपाल शर्मा का बैकग्राउंड कांग्रेसी माना जाता है. यह भीलवाड़ा नगर निकास न्यास के अध्यक्ष भी रहे हैं और बड़े खनन व्यापारी हैं.

अब तक ये 20 विधायक गुजरात भेजे गए

समाराम गरासिया, जगसीराम कोली, पूराराम चौधरी, धर्मनारायण जोशी, फूल सिंह मीणा, अमृत लाल मीणा, प्रताप गमेती, बाबूलाल खराड़ी, गौतम मीणा, अर्जुन लाल जीनगर, गोपीचंद मीणा, कैलाश मीणा, हरेंद्र निनामा और गौतम लाल मीणा शुक्रवार को भेज दिए गए. वहीं गोपी चंद मीणा, जब्बर सिंह सांखला, गुरदीप शापिनी, धर्मेंद्र कुमार मोची, गोपाल लाल शर्मा और निर्मल कुमावत शनिवार को भेजे गए.

12 अगस्त से जयपुर में बाड़ेबंदी की योजना

बताया जा रहा है कि बाकी विधायकों की बाड़ेबंदी जयपुर में करने की तैयारी है. माना जा रहा है कि 12 अगस्त से बाड़ेबंदी शुरू होगी. 11 अगस्त से होटल तय करने का प्लान है. हालांकि, भाजपा इन दावों को खारिज कर रही है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, 11 अगस्त को बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर हाईकोर्ट का फैसला आएगा. ऐसे में भाजपा भी अलर्ट मोड पर है. आलाकमान के निर्देश पर विधायकों को गुजरात शिफ्ट किया गया है. अलग-अलग जिलों में नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.

गुजरात क्यों चुना?

गुजरात और उदयपुर के बीच की दूरी कम है, इस वजह से इस संभाग के विधायकों को गुजरात भेजा गया है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया इन विधायकों के संपर्क में हैं. इस बात की भी चर्चा है कि कुछ कांग्रेसी नेताओं के भाजपा विधायकों के साथ संपर्क करने की शिकायत के बाद पार्टी ने यह कदम उठाया है. बाकी विधायकों को भी 14 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से 2-3 दिन पहले ट्रेनिंग के नाम पर बाड़ेबंदी करने की योजना बताई जा रही है

गुजरात गए विधायक भी जयपुर में शिफ्ट होंगे. यहां विधायकों को ट्रेनिंग दी जाएगी. उधर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की शुक्रवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली में हुई मुलाकात को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है.राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया दिल्ली में लगातार सियासी बैठकें कर रही हैं, इसे लेकर राजस्थान का राजनीतिक तापमान एक बार फिर बढ़ गया है.

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने शनिवार को दिल्ली में वरिष्ठ बीजेपी नेता राजनाथ सिंह से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम पर बात हुई. बता दें कि आगामी 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू होना है. इस सत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुमत साबित कर सकते हैं. इस बीच बीजेपी भी सक्रिय हो गई है. वसुंधरा के बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात को इसी सिलसिले से जोड़कर देखा जा रहा है.

बता दें कि वसुंधरा राजे दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और संगठन महामंत्री बी एल संतोष से भी मिल चुकी हैं. शुक्रवार को वसुंधरा राजे ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे की चर्चा हुई, जिसमें राजस्थान के सियासी घटनाक्रम पर बात हुई. यहां ये बताना अहम है कि वसुंधरा राजे ने कांग्रेस में मचे घमासान पर एक लंबे वक्त तक इस चुप्पी साध रखी थी, इसे लेकर बीजेपी में चर्चाओं का बाजार गरम था.

पिछले बुधवार को वसुंधरा जयपुर से दिल्ली आ गई थीं. इसके बाद वो दिल्ली में ही हैं. सूत्रों के मुताबिक खबर है कि राजस्थान बीजेपी ने वसुंधरा गुट के 12 विधायकों को गुजरात भेज दिया है. सूत्रों के मुताबिक वसुंधरा राजे ने जेपी नड्डा से कह दिया है कि वे पार्टी के साथ हैं मगर स्वाभिमान से समझौता नहीं करेंगी.