प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7वीं बार लालकिले पर झंडा फहराया. उन्होंने कहा- आजादी के इस पावन पर्व की सभी देशवासियों को शुभकामनाएं. आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग-बलिदान और समर्पण है.
उन्होंने कहा कि आज आजादी के वीरों, रणबांकुरों का नमन करने का पर्व है. हमारी सेना-अर्धसैनिक बलों के जवान, पुलिस के जवान, सुरक्षाबलों से जुड़े हर कोई, मां भारती की रक्षा में जुटे रहते हैं. आज उनकी सेवा को भी नमन करने का पर्व है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, फिनिश्ड प्रोडक्ट बनकर भारत में लौटता रहेगा. पीएम मोदी ने ये भी कहा कि विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, बात वही पर खत्म नहीं हुई. भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी.
मोदी के भाषण की अहम बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, हमारे देश में अलग-अलग जगहों पर विकास की तस्वीर अलग-अलग दिखती है. कुछ क्षेत्र बहुत आगे हैं. एक साल-जम्मू कश्मीर की एक नई विकास यात्रा का साल है. ये एक साल जम्मू कश्मीर में महिलाओं, दलितों को मिले अधिकारों का साल है. ये जम्मू कश्मीर में शरणार्थियों के गरिमापूर्ण जीवन का भी एक साल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, हमारे देश में अलग-अलग जगहों पर विकास की तस्वीर अलग-अलग दिखती है. कुछ क्षेत्र बहुत आगे हैं, कुछ क्षेत्र बहुत पीछे. कुछ जिले बहुत आगे हैं, कुछ जिले बहुत पीछे. ये असंतुलित विकास आत्मनिर्भर भारत के सामने बहुत बड़ी चुनौती है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मेरे प्यारे देशवासियो! आजादी के वीरों को याद कर नई ऊर्जा का यह संकल्प होता है. एक प्रकार से हमारे लिए यह नई प्रेरणा लेकर आता है. नई उमंग, नया उत्साह लेकर आता है. हमारे लिए नया संकल्प लेना जरूरी भी है. अगले साल हम 75वें वर्ष में प्रवेश करेंगे. यह अपने आप में बहुत बड़ा अवसर है. इसलिए आज आने वाले दो साल के लिए बहुत बड़े संकल्प लेकर हमें चलना है. आजादी के 75 साल में जब हम प्रवेश करेंगे और 75 साल जब पूरे होंगे, तब हम हमारे संकल्पों की पूर्ति के महापर्व के रूप में मनाएंगे.
भारत को अपनी संस्कृति, परंपरा, रीत-रिवाज से उखाड़ फेंकने के लिए क्या कुछ नहीं हुआ. वह सैकड़ों कालों का कालखंड था. साम-दाम-दंड-भेद, सब कुछ अपने चरम पर था. कुछ लोग ये मानकर चलते थे कि यहां पर राज करने के लिए आए हैं. लेकिन आजादी की ललक ने उनके सारे मंसूबों को जमींदोज कर दिया. उनकी सोच थी कि इतना बड़ा विशाल देश, अनेक राजे-रजवाड़े, भांति-भांति की बोलियां, खानपान, अनेक भाषाएं, इतनी विविधताओं के कारण बिखरा देश कभी एक होकर आजादी की लड़ाई नहीं लड़ सकता. लेकिन वे यहां की प्राणशक्ति नहीं पहचान पाए.
हम ये भी जानते हैं कि वो कालखंड था कि विस्तारवाद की सोच वालों ने जहां भी फैल सके, वहां फैलने का प्रयास किया, अपने झंडे गाड़ने की कोशिश की, लेकिन भारत की आजादी का आंदोलन दुनिया के अंदर भी प्रेरणा का पुंज बन गया, दिव्य स्पंद बन गया और दुनिया में भी आजादी की ललक जली. जो विस्तारवाद की अंधी दौड़ में लगे थे, उन्होंने अपने विस्तारवाद के मंसूबों को पूरा करने के लिए दुनिया को दो-दो विश्व युद्ध में झोंक दिया. दुनिया को तबाह कर दिया.
ऐसे कालखंड के बीच भी देश ने अपनी आजादी की ललक को नहीं छोड़ा. कष्ट झेलता रहा. भारत की इसी लड़ाई ने दुनिया में आजादी के लिए एक माहौल बना दिया. भारत की एक शक्ति ने दुनिया में बदलाव लाया. विस्तारवाद के लिए चुनौती बन गया भारत. इतिहास इस बात को नहीं नकार सकता. आजादी की लड़ाई में पूरे विश्व में भारत ने अपनी एकजुटता की ताकत, अपनी सामूहिकता की ताकत, अपने उज्ज्वल भविष्य के प्रति अपना ऊर्जा, संकल्प और प्रेरणा लेकर देश आगे बढ़ता चला गया.
कोरोना के बीच 130 करोड़ भारतवासियों ने संकल्प किया आत्मनिर्भर बनने का. आत्मनिर्भर भारत आज हर भारतवासी के मन-मस्तिष्क में छाया हुआ है. इस सपने को संकल्प में बदलते देख रहे हैं. ये आज 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है. जब मैं आत्मनिर्भर की बात करता हूं, तो कई लोगों ने सुना होगा कि अब 21 साल के हो गए हो, अब पैरों पर खड़े हो जाओ. 20-21 साल में परिवार अपने बच्चों से पैरों पर खड़े होने की अपेक्षा करता है. आज आजादी के इतने साल बाद भारत के लिए भी आत्मनिर्भर बनना जरूरी है. जो परिवार के लिए जरूरी है, वो देश के लिए भी जरूरी है. भारत इस सपने को चरितार्थ करके रहेगा. मुझे इस देश के सामर्थ्य, प्रतिभा पर गर्व है.
लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं. हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फॉर वर्ल्ड के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है. इस शक्ति को, इन रिफॉर्म्स और उससे निकले परिणामों को देख रही है. बीते वर्ष, भारत में एफडीआई ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. भारत में एफडीआई में में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ये विश्वास ऐसे ही नहीं आता है. वन नेशन-वन टैक्स, इनसाल्वेंसी और बैंक्रप्टसी कोड बैंकों का मर्जर आज देश की सच्चाई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 7 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए, राशनकार्ड हो या न हो, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अन्न की व्यवस्था की गई, बैंक खातों में करीब-करीब 90 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए. कुछ वर्ष पहले तक ये सब कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि इतना सारा काम, बिना किसी लीकेज के हो जाएगा, गरीब के हाथ में सीधे पैसा पहुंच जाएगा. अपने इन साथियों को अपने गाँव में ही रोजगार देने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी शुरू किया गया है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, भारत को आधुनिकता की तरफ, तेज गति से ले जाने के लिए, देश के ओवरऑल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट को एक नई दिशा देने की जरूरत है. ये जरूरत पूरी होगी नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट से. इस पर देश 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. अलग-अलग सेक्टर्स के लगभग 7 हजार प्रोजेक्ट्स को आइडेंटिफाई भी किया जा चुका है. ये एक तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नई क्रांति की तरह होगा. अब इंफ्रास्ट्रक्चर में साइलोस को खत्म करने का युग आ गया है. इसके लिए पूरे देश को मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने की एक बहुत बड़ी योजना तैयार की गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, जिस प्रकार से सिक्किम ने ऑर्गैनिक स्टेट के रूप में अपनी पहचान बनाई है, वैसे ही आने वाले दिनों में लद्दाख, अपनी पहचान एक कार्बन न्यूट्रल क्षेत्र के तौर पर बनाए, इस दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, लोकतंत्र की सच्ची ताकत स्थानीय इकाइयों में है. हम सभी के लिए गर्व की बात है कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय इकाइयों के जनप्रतिनिधि सक्रियता और संवेदनशीलता के साथ विकास के नए युग को आगे बढ़ा रहे हैं. बीते वर्ष लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर, वहां के लोगों की बरसों पुरानी मांग को पूरा किया गया है. हिमालय की ऊंचाइयों में बसा लद्दाख आज विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे बढ़ रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, LOC से लेकर LAC तक, देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आँख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने उसका उसी भाषा में जवाब दिया है. भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है. इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देख लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, देश के 100 चुने हुए शहरों में प्रदूषण कम करने के लिए एक होलिस्टिक अप्रोच के साथ एक विशेष अभियान पर भी काम हो रहा है.