राजस्थान का सियासी घमासान इतनी जल्दी थमने वाला नहीं है. कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार का क्या होगा. सचिन पायलट का अगला कदम क्या होगा. ऐसे तमाम सियासी सवाल हैं जिन पर अब भी सस्पेंस का भूत मंडरा ही रहा है. इस बीच राजस्थान में एक नई कहानी शुरू हो गई. पर दिलचस्प बात ये है कि इस बार कहानी राजस्थान की कांग्रेस सरकार नहीं बल्कि बीजेपी के इर्दगिर्द घूम रही है. खबर है कि अपनी सरकार बचाने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब वसुंधरा राजे को धोखा देने से भी नहीं चूकेंगे. दरअसल अब तक पूर्व मुख्यमंत्री और वसुंधरा राजे पर ये आरोप लगते रहे कि गहलोत सरकार को उनका मूक समर्थन मिला हुआ है. इसलिए वो इस सियासी भूचाल पर खामोश हैं. कहा ये भी जाता है कि गहलोत और वसुंधरा ने कभी खुलकर एक दूसरे का विरोध नहीं किया. वैसे भी रोटी पलट चुनाव का मिजाज रखने वाले राजस्थान में उन्हें हर पांच साल बाद अपनी अपनी सरकार बनाने का मौका मिल ही रहा है. पर अब माहौल बदल रहा है तो अपनी सरकार बचाने के लिए गहलोत नौबत आने पर वसुंधरा को भी दगा दे सकते हैं.

बीजेपी विधायकों पर गहलोत की नजर!
सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट के साथ अगर ज्यादा विधायक चले जाते हैं. तो ऐसी स्थिति में गहलोत की पूरी कोशिश होगी कि वो बीजेपी के कुछ विधायकों को तोड़ सकें. और उन्हें कांग्रेस में शामिल करवा सकें. इसके लिए गहलोत सरकार के कुछ हरकारों ने गुपचुप तरीके से बीजेपी के उदयपुर संभाग के विधायकों से संपर्क शुरू कर दिया है. उदयपुर संभाग से बीजेपी के पास तकरीबन 12 विधायक हैं. राजस्थान कांग्रेस की कोशिश है कि विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले वो कुछ विधायकों को तोड़ कर उनकी समर्थन हासिल कर सकें. आपको बता दें कि 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का अहम सत्र शुरू होना है.

गायब हो गए बीजेपी विधायक
वैसे, कच्ची गोटियां तो वसुंधरा राजे सिंधिया ने भी नहीं खेली हैं. आपसी तालमेल अलग चीज है लेकिन सियासी दांव पेंच खेलने में वो भी माहिर हैं. इसलिए विधानसभा सत्र शुरू होने तक उन्होंने बीजेपी विधायकों बाड़ाबंदी कर दी है. खबर है कि उदयपुर संभाग के बारह बीजेपी विधायकों को गुजरात भेजा गया है. हालांकि पार्टी यही जताने की कोशिश कर रही है कि ये विधायक खुद ही गुजरात घूमने गए हैं. पर सूत्रों का दावा है कि उन्हें गुजरात भेजा गया है जहां वो 12 अगस्त कर रहेंगे. और कुछ विधायकों को मध्यप्रदेश भी भेजने की प्लानिंग है. दरअसल बीजेपी को भी अपने विधायकों में सेंधमारी का डर है इसलिए ये फैसला लिया गया है. बीजेपी हाईकोर्ट में चले रहे बीएसपी विधायकों के केस का फैसला आने तक इंतजा करेगी. अगर फैसला कांग्रेस के खिलाफ आता है तो बीजेपी अपने विधायकों की सख्त बाड़ाबंदी कर सकती है