कर्नाटक में परिवहन निगम के सैंकड़ों कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं। ये उनकी हड़ताल का तीसरा दिन है। जिसके चलते यात्रियों को दिक्कतों का समना करना पड़ रहा है। हड़ताल कर रहे कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान वेतन दिया जाए।

इस हड़ताल की वजह से शहर में बेंगलूरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (bmtc) और कर्नाटक राज्य सडक़ परिवहन निगम (ksrtc) की सेवाएं बाधित रहीं।

बताया जा रहा है कि कर्मचारियों को कई महीने से सैलरी नहीं मिली है, जिसकी वजह से वह अब सड़कों पर उतर आए हैं।

कर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि उनकी रोकी गई सैलरी उन्हें दी जाए, साथ ही उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा भी दिया जाए।

परिवहन कर्मचारी चाहते हैं कि उन्हें सरकारी कर्मचारियों के समान विशेषाधिकार या प्रोत्साहन मिले और कोविड-19 ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले परिवहन कर्मचारियों के परिजनों को 30 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया जाए।

कांग्रेस नेता श्रीवत्स ने दावा किया है कि ये हड़ताल कर्मचारियों को कई महीने से वेतन न मिलने की वजह से हो रही है।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “कर्नाटक में 1.2 लाख राज्य सरकार द्वारा संचालित परिवहन कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं। इन कर्मचारियों को कई महीनों से सैलरी नहीं मिली है। राज्य सरकार दिवालिया हो गई है। मोदी सरकार बकाया GST का भुगतान नहीं कर रही है”।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आगे लिखा, “लेकिन तुग़लक मोदी एक नई संसद और केंद्रीय विस्टा पर 20 हज़ार करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं!”

बता दें कि कर्नाटक में राज्य द्वारा संचालित चार सडक़ परिवहन निगमों में 1.2 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।