दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को 15 दिनों से ज्यादा हो चुके हैं। 4 दिसंबर को किसान संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था।

जिसके बाद अब एक बार फिर 14 दिसंबर को कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

चिंताजनक बात यह है कि दिल्ली में पड़ रही कड़ाके की ठंड में किसानों द्वारा सड़कों पर बैठकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। जिसमें युवा और अधेड़ उम्र में किसान शामिल हैं।

सर्दी के मौसम के कारण कई किसानों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। जिसके चलते किसान बीमार हो रहे हैं। यहां तक कि बीते दो हफ्तों में 11 किसानों ने दम तोड़ दिया है

इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर किसान आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों की लिस्ट शेयर की है। जिसके कैप्शन में लिखा है कि “कृषि क़ानूनों को हटाने के लिए हमारे किसान भाइयों को और कितनी आहुति देनी होगी?”

आपको बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान मरने वाले ज्यादातर किसान पंजाब से ही ताल्लुक रखते हैं। राहुल गांधी द्वारा शेयर किए की तस्वीर में लिखा गया है कि 17 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन में सरकार और किसानों की बातचीत से समाधान की उम्मीद गतिरोध में फंस चुकी हैं।

वहीं टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर एक-एक कर अब तक 11 किसान आंदोलनकारी दम तोड़ चुके हैं। किसी की पेट या सीने में दर्द तो किसी की हादसे में जान चली गई है। सर्दी के मौसम में खुले आसमान के तले बैठकर किसान बीमार पड़ रहे हैं।

धरने पर मौतों का यह सिलसिला जल्द ही रुकना चाहिए। इसलिए जरूरी है कि किसान नेता और सरकार दोनों ही जल्द से जल्द इस गतिरोध से निकलकर समाधान की तरफ बढ़े।

बता दें, किसान संगठन इस बात पर अड़े हुए है कि कृषि कानूनों को वापिस लिए जाए।