मृदा दिवस के उपलक्ष में किसानों को दी गई विभिन्न जानकारियां

कैमूर

रामपुर : प्रखंड़ मुख्यालय स्थित ई किसान भवन के सभा कक्ष में सोमवार विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रखंड प्रमुख घूरा सिंह यादव के द्वारा किया गया तो निरीक्षण प्रखंड विकास पदाधिकारी संजय पाठक के द्वारा किया गया। बैठक में कृषि समन्यवक प्रवीण कुमार ,अनिल गुप्ता एवं आत्मा ऐटियम अमन कुमार द्वारा किसानों के बीच मिट्टी की परीक्षण कराकर संतुलित पोषक तत्वों का प्रयोग कर अधिक उपज लेने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम अध्यक्षता कर रहे प्रखंड प्रमुख घूरा सिंह यादव ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस पर सभी किसानों को यह संकल्प लेना चाहिए, कि वह अपने खेत की मिट्टी की जांच कराने के बाद जारी स्वास्थ्य मृदा कार्ड के अनुसार पोषक तत्वों के प्रयोग पर बल दें।

वही प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा किसानों से आग्रह किया गया कि वे हर हाल में खेत की मिट्टी की जांच कराएं, ताकि उन्हें दोनों चीजों की सेहत का पता चल सके। जांच की सुविधा केंद्र के प्रयोगशाला में मुफ्त उपलब्ध है। आगे उन्होंने ने किसानों से कहा कि खेती के तौर-तरीकों व वातावरण में हुए बदलाव का असर मिट्टी व पानी दोनों पर पड़ा है। जागरूकता के अभाव में यह समस्या कम होने के बजाय बढ़ेगी,अभी भी वक्त है कि हम संभल जाएं, ताकि स्थिति और न बिगड़े। किसान सलाहकार संतोष सिंह, प्रमोद कुमार गुप्ता सहित अन्य किसान सलाहकारों ने अपने अपने वक्तव्य में कहा कि किसान सिंचाई के दौरान खेत में पानी को कई कई दिन तक जमा रखते हैं, ऐसा नहीं करनी चाहिए इससे जमीन की उपरी परत में लवण की मात्रा बढ़ जाती है। इस कारण जमीन उपज देने के योग्य नहीं रह जाती है। इस बात को हर हाल में तय कर लें कि खाद व उर्वरक का प्रयोग मिट्टी की जांच के पश्चात मिले नतीजों पर दी गयी सलाह के अनुसार ही करना है।आत्मा ऐटियम अमन कुमार ने रसायनिक उर्वरक की जितनी मात्रा की आवश्यकता हो उतनी मात्र डालनें की बात कही।जहां तक संभव हो हरी खाद जिसमें ढैंचा, सनई आते हैं उसका प्रयोग करें। इसके अलावा गोबर की खाद भी खेत में अवश्य डालें। जैविक खाद की जितनी अधिक मात्रा डालेंगे खेत में उतने अधिक समय तक उत्पादकता बनी रहेगी। इस मौके पर सभी कृषि कर्मीयों के साथ ही किसान अभय सिंह, टुनटुन तिवारी,उमाशंकर सिंह,किशोर सिंह इत्यादि उपस्थित रहें।

रामाकांत मिश्रा की रिपोर्ट