कृषि कानूनों पर सरकार से बातचीत नाकाम रहने के बाद किसानों ने आंदोलन तेज करने की बात कही है. बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों पर अब तक फसल पर मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के मुद्दे पर सहमति नहीं बन पा रही है.

हाल ही में इस पर दो महिला पत्रकारों के बीच भी बहस छिड़ गई. दरअसल, पत्रकार रोहिणी सिंह ने रुबिका लियाकत के शो पर तंज कसते हुए उन पर सीधा निशाना साधा. हालांकि, रुबिका लियाकत ने बाद में साथी पत्रकार पर पलटवार किया. हालांकि, द वायर की पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने बहस में कूदने के साथ ही रुबिका की पत्रकारिता पर ही सवाल खड़े कर दिए.

रोहिणी सिंह ने अपने एक ट्वीट में एबीपी की क्लिप शेयर करते हुए कहा, जब पत्रकार सरकार द्वारा लिखी गयी ‘प्रेस रिलीज’ पढ़ कर सुनाने लगें तब लोकतंत्र कमजोर होना लाजमी है. यहां रुबिका लियाकत बता रही हैं कि किसानों को MSP देने से अर्थव्यवस्था की कमर टूट जाएगी. पत्रकारिता के भेष में बैठे ‘पार्टी प्रवक्ताओं’ को पहचानिए.”

इस पर रुबिका ने रोहिणी को जवाब दिया. उन्होंने कहा, इस महिला को मैं वैसे तो जानती नहीं लेकिन जब भी यूपी की एक क्षेत्रीय पार्टी का ज़िक्र करती हूँ तो बेचैन होकर अनायास ही मेरे टाईम लाइन पर कूद पड़ती हैं. बड़ा ही ‘फ़्लैट’ सा संयोग है. हालांकि, रोहिणी ने एक बार फिर रुबिका पर सवाल उठाए और कहा, माफ कीजिएगा रुबिका लियाकत जी, आपको ‘पार्टी प्रवक्ता’ कह कर वाक़ई में मैंने आपके व्यक्तित्व के साथ न्याय नहीं किया.

रोहिणी सिंह ने कहा, आपके तर्कों और चाटुकारिता का स्तर देख कर आपको ‘ट्रोल’ कहना ही उचित होगा. ‘मोदी जी आप थकते क्यूँ नहीं हैं’ वाली पत्रकारिता आपको मुबारक. भारत किसानों के साथ है. उनके इसी ट्वीट पर आरफा खानम शेरवानी ने कहा, रोहिणी, लगे हाथों ये भी पूछ लीजिये कि ये ‘टॉनिक कौन सा लेती हैं’ चाटुकारिता से थकती क्यों नहीं आख़िर?

रुबिका ने इस मुद्दे पर अपने अंतिम ट्वीट में दोनों पत्रकारों पर निशाना साधा और कहा, लगे हाथ आपको भी जवाब दे ही देते हैं. क्या हुआ! विक्टिम कार्ड खेलते-खेलते ‘थकान’ हो गई है कि अपना सवाल किसी और के कंधे पर रख रही हैं. मैं थकती इसलिए नहीं क्योंकि दर्शकों के प्यार और आशीर्वाद का ‘टॉनिक’ रोज़ लेती हूँ. अफ़सोस आपको ये नसीब न हुआ.