गोदी मीडिया के पत्रकार अब पूरी तरीके से एक्सपोज होने लगे हैं. अभी तक यह लोग फेक खबरों के माध्यम से देश की जनता को भ्रमित करने का काम करते रहे. गोदी मीडिया के तमाम पत्रकार ऐसे एजेंडे को हमेशा आगे बढ़ाते हैं, जिससे देश के भाईचारे को खतरा हो, देश में धार्मिक नफरत को बढ़ावा मिले. और उससे भाजपा को वोटों का ध्रुवीकरण करने में आसानी हो.

रोहित सरदाना आज तक चैनल पर अपने कार्यक्रमों के माध्यम से भी ऐसे ही मुद्दों को आगे बढ़ाते हैं जिससे देश के अंदर धार्मिक दूरियां बढ़े. अपने कार्यक्रमों के माध्यम से रोहित सरदाना हमेशा इस देश के एक धर्म विशेष के खिलाफ नफरत की खेती करते नजर आते हैं, मौजूदा सत्ता की चाटुकारिता करते हुए भी नजर आए हैं. रोहित सरदाना कभी भी देश की जनता के मुद्दों, बेरोजगार युवाओं के मुद्दे पर, देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को लेकर कोई कार्यक्रम नहीं करते.

रोहित सरदाना हमेशा हिंदू मुसलमान पाकिस्तान और भारत की सेना को लेकर ही अपना खास कार्यक्रम दंगल करते हैं. अक्सर अपने कार्यक्रमों के माध्यम से मौजूदा सत्ता का प्रचार करते हुए नजर आ जाते हैं. रोहित सरदाना अक्सर कांग्रेस पर गलत आरोप लगाकर कांग्रेस को बदनाम करते हुए भी नजर आए हैं. सरदाना हमेशा ऐसे मौके ढूंढते हैं जिससे देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस और खासकर गांधी परिवार को बदनाम किया जा सके.

इस बार भी रोहित सरदाना ऐसा करते हुए नजर आए. दरअसल रोहित सरदाना लाइव चैट शो कर रहे थे, जिसमें वह दर्शकों के सवालों का जवाब दे रहे थे. उसी में शौकत अली नामक एक यूज़र ने रोहित सरदाना से सवाल किया कि अगर आपकी नजर में किसान खालिस्तानी है तो आपका नेता मोदी उन्हें जेल में क्यों नहीं डाल देता? जिसका जवाब देते हुए रोहित सरदाना ने कहा कि शौकत अली पहली बात तो मोदी आपका भी नेता है. अगर नहीं है तो आप पतली गली लेकर निकल ले उधर.

मुंह से इशारा करते हुए रोहित सरदाना के कहने का मतलब था, आप पाकिस्तान निकल ले. ज्यादातर मुस्लिमों को भाजपा के नेताओं और भाजपा का समर्थन करने वाले पत्रकारों की तरफ से पाकिस्तान जाने सलाह पहले भी दी जाती रही है. भाजपा की राजनीति ही ऐसे मुद्दों पर आधारित है. इसके आगे रोहित सरदाना ने कहा कि मैंने तो कभी नहीं कहा कि किसान खालिस्तानी है. लेकिन उन की आड़ लेकर अगर कोई खालिस्तान का झंडा फहराता है तो उसको पकड़ेंगे या नहीं पकड़ेंगे? या तुम्हारे को जैसे छूट दी थी शाहीन बाग की आड़ में देश विरोधी नारे लगाने की इधर भी दे दे?

बताते चलें कि शाहीन बाग के आंदोलन को भी गोदी पत्रकारों ने इसी तरीके से बदनाम किया था. देश के अंदर कोई भी सरकार के विरोध में आवाज उठती है, उसे कभी खालिस्तानी करार दे दिया जाता है कभी देशद्रोही कभी पाकिस्तानी. कभी कहा जाता है कि आंदोलन की आड़ में पाकिस्तान समर्थक नारे लग रहे हैं. कभी कहा जाता है कि खालिस्तान समर्थक नारे लग रहे हैं.

हालांकि भाजपा की यह स्क्रिप्ट बहुत पुरानी हो चुकी है, जिस पर आज भी भाजपा समर्थक पत्रकार काम कर रहे हैं. बहरहाल गोदी पत्रकार रोहित सरदाना का शौकत अली के सवालों का जवाब देने का तरीका सोशल मीडिया पर लोगों को पसंद नहीं आ रहा है. रोहित सरदाना जमकर ट्रोल किए जा रहे हैं. यह पहला मौका नहीं है जब कोई गोदी पत्रकार खुलकर एक्सपोज हुआ है, इससे पहले भी कई गोदी पत्रकारों को सोशल मीडिया के यूजर्स ने सबक सिखाया है.