तीसरे चरण का परिक्षण पूरा किए बिना ही भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिल गई है। जिसके बाद 16 जनवरी से लोगों को कोवैक्सीन के टीके लगना शुरु हो गए हैं। जिसको लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार के बड़े मंत्रियों ने पहले टीका क्यों नहीं लगवाया।

कांग्रेस नेता ने कहा, “हर मुल्क में जहां पर टीकाकरण शुरू हुआ, वहां के मुखिया ने सबसे पहले टीका लगवाया। ताकि देश को ये संदेश जाए कि ये टीका सुरक्षित है और ये आपकी हिफाजत करेगा।

इंग्लैंड में बोरिस जॉनसन ने सबसे पहले टीका लगवाया। उनकी संवैधानिक हेड ने टीका लगवाया। बाकी मुल्कों में भी यही प्रक्रिया अपनाई गई है”।

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “तो एक बुनियादी सवाल ये उत्पन्न होता है कि अगर ये टीका इतना ही सुरक्षित है, इतना ही कारगर है तो अभी तक इस सरकार के कोई जिम्मेदार मंत्री सामने क्यों नहीं आए कि सबसे पहले मुझे टीका लगाओ। जिससे लोगों में ये संदेश जाए कि ये टीका पुरी तरह से सुरक्षित है”।

मनीष तिवारी ने वैक्सीनों के इस्तेमाल को मंज़ूरी दिए जाने पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “भारत के पास ऐसा कोई नीतिगत फ्रेमवर्क नहीं है जो वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति देता हो।

फिर भी आपातकालीन स्थिति में दो वैक्सीनों के प्रतिबंधित उपयोग को अनुमति दे दी गई. दूसरी तरफ कोवैक्सीन की अपनी एक अलग कहानी है. बिना प्रक्रिया पूरी हुए ही अप्रूवल दे दिया गया”।

बता दें कि देश भर में कोरोना वायरस के खिलाफ आज से कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत करते हुए इसे दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण बताया है।

इस वैक्सीनेशन की शुरुआत दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल से हुई। यहां सैनिटेशन डिपार्टमेंट के एक कर्मचारी को पहला कोरोना का टीका लगाया गया। इसके बाद वह कोरोना का टीका लगाने वाले देश के पहले नागरिक बन गए हैं।