सबको घर देने के लिए बजट में 66% का इजाफा, मुफ्त राशन एक वर्ष देने की बात कही सीतारमण पहली बार जेल में बंद गरीबों की बेल के लिए भी एलान किया गया

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश कर रही थी। सरकार ने अलग-अलग वर्गों के लिए अब तक कई बड़े एलान किए हैं। गरीब वर्ग के लिए भी सरकार ने अपने खजाने की तिजोरी खोल दी है। सरकार ने मुफ्त राशन की योजना से लेकर जेल में बंद गरीबों की रिहाई तक के बिंदुओं को इस बार बजट में शामिल किया है। आइए जानते हैं कि सरकार ने गरीबों को क्या-क्या दिया?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश कर दिया। सरकार ने अलग-अलग वर्गों के लिए कई बड़े एलान किए हैं। मध्य वर्ग को टैक्स स्लैब में बड़ा छूट दिया गया तो नौकरीपेशा और व्यापारियों को भी अलग-अलग तरह से राहत देने की कोशिश हुई।

वहीं, गरीब वर्ग के लिए सरकार ने अपने खजाने की तिजोरी खोल दी। सरकार ने मुफ्त राशन की योजना से लेकर जेल में बंद गरीबों की रिहाई तक के बिंदुओं को इस बार बजट में शामिल किया। मुफ्त आवासीय योजना पर भी सरकार ने बजट बढ़ा दिया। आइए जानते हैं कि सरकार ने गरीबों को क्या-क्या दिया?

आवास योजना का बजट 66 फीसदी बढ़ा : बजट में गरीबों के लिए केंद्र सरकार का सबसे बड़ा एलान आवासीय योजना को लेकर हुआ। पिछले साल के मुकाबले सरकार ने इस बार आवासीय योजना के बजट में 66 फीसदी की बढ़ोतरी की है। पिछली बार आवासीय योजना के 48 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके जरिए देशभर में ग्रामीण और शहरी इलाकों में कुल 80 लाख घरों का निर्माण किया गया। पीआईबी की एक अधिसूचना के अनुसार, तीन जनवरी, 2022 तक कुल 1.14 करोड़ घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई थी, जिनमें से 53.42 लाख घरों का निर्माण और वितरण किया जा चुका है। अधिसूचना में कहा गया है कि नई तकनीकों का उपयोग करके 16 लाख घरों का निर्माण किया जा रहा है।

गरीब परिवार को अगले साल तक मुफ्त राशन : केंद्र सरकार ने सभी अंत्योदय और प्राथमिकता परिवारों को अगले साल यानी 2024 तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का एलान किया है। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग दो लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।

जेल में बंद गरीबों की रिहाई कराएगी सरकार : जेल में बंद गरीबों के मुद्दे को पहली बार केंद्र सरकार ने अपने बजट में शामिल किया है। इसके अनुसार, पैसों की तंगी के चलते जो कैदी जेल से बेल नहीं ले पाते हैं, उनका खर्च सरकार उठाएगी। ऐसे करीब दो लाख कैदी हैं, जिनकी सजा पूरी हो चुकी है, लेकिन रिहाई के लिए तय की गई रकम न होने से वह जेल में ही बंद रहते हैं। अब ऐसे गरीबों की मदद के लिए सरकार ने हाथ आगे बढ़ाया है।

Source: amarujala