लालू प्रसाद यादव के भूरा बाल साफ करने वाला नारा पिछड़ों को और पीछे किया एससी एसटी का कोई आधार नहीं दिया।
लालू प्रसाद यादव अपने समय के एक बड़े दिग्गज राजनेता के रूप में पहचाने जाते थे । एक समय था कि लालू प्रसाद यादव केंद्र में रात्रि बैठक कर सरकार बदलने का क्षमता रखते थे। लालू प्रसाद यादव का जन्म 11 जून 1948 को हुआ था लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय जनता दल के अभी राष्ट्रीय अध्यक्ष है। वे 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे बाद में उन्हें 2004 से 2009 तक केंद्र में यूपीए सरकार में रेलमंत्री का कार्यभार सौंपा गया । लालू प्रसाद यादव अभी बिहार के चर्चित घोटाला चारा घोटाला में सजा काट रहे है।
बिहार के गोपालगंज में एक यादव परिवार में जन्मे यादव ने राजनीति की शुरूआत जयप्रकाश नारायण के जेपी आन्दोलन से की जब वे एक छात्र नेता थे और उस समय के राजनेता सत्येन्द्र नारायण सिन्हा के काफी करीबी रहे थे। 1977 में आपातकाल के पश्चात् हुए लोक सभा चुनाव में लालू यादव जीते और पहली बार 29 साल की उम्र में लोकसभा पहुँचे।1980 से 1989 तक वे दो बार विधानसभा के सदस्य रहे और विपक्ष के नेता पद पर भी रहे।
लालू प्रसाद यादव को my समीकरण वाली सरकार बताया जाता है अर्थात मुस्लिम – यादव के वोट के लिए वो कुछ भी कर सकते हैं एक बार लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान सन 2005 में मुस्लिम वोट के लिए मुस्लिम मुहासिरी का इस्तेमाल किया था जो उस समय काफी चर्चित था। उस समय बीजेपी ने इसका काफी आलोचना की थी ।
लालू प्रसाद यादव की राजनीति को हमेशा जातिवादी और भेदभावपूर्ण वाला राजनीति बताकर बदनाम किया गया है लेकिन वंचितों के राजनीति के नजरिए से देखने पर लालू प्रसाद यादव को भारत का नेल्सन मंडेला कहा जाता है।
लालू प्रसाद यादव नौ बच्चे के पिता है दो सुपुत्र
तेजस्वी यादव – बिहार के उपमुख्यमंत्री
तेज प्रताप यादव- वन एवं पर्यावरण मंत्री
मिसा भारती – शैलेश कुमार से शादी की है जो सबसे बड़ी बेटी है।
मै आपको बताते चलूं तो लालू प्रसाद यादव जब सन 1997 में जेल चले गए तो बिहार के सत्ता पर बिहार की अनपढ़ महिला लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
सवर्णों के विरोध में हमेशा दिखाई दिए लालू प्रसाद यादव
आज सवर्णों का ही विरोध कर राजनीति में आए लालू प्रसाद यादव ने पिछड़ा और अनुसूचित लोगो का नाममात्र का राजनीति किया केवल वोट के लिए । उस समय लालू प्रसाद यादव खुलेयाम मंच से बोला करते थे कि भूरा बाल साफ करो अर्थात् भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण, और लाला को साफ करो जबकि एक राजनेता के नाते बिहार के मुख्यमंत्री होने के नाते उनको ये बयान नहीं देना चाहिए क्योंकि वे मुख्यमंत्री पूरे बिहार के थे। वहीं नहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने मंच से वही बात दोहरा दिया उस समय भी ये बयान डिबेट का विषय बना था। ये इस बात को समाज में कह कर केवल पिछड़ा , अनुसूचित, जाति, जनजाति का वोट लेकर सरकार बनाना चाहते हैं इन्हें समाज के भाईचारा से क्या मतलब है ये तो राजनीति करते हैं लोगो से ही।
आनंद मोहन सिंह के सुपुत्री के सगाई में तेजस्वी यादव का पहुंचना क्या उनके भूरा बाल साफ करने वाला नारा याद नहीं कराता है ये सभी ने पिछड़ों के साथ राजनीति कर ओबीसी , एससी एसटी को साधन बना अपना राजनीति किया है। ये लोग को ही सामने रख कर लालू यादव मंच से बयान देते थे और आज उन्हीं के साथ मिलकर सरकार बना रहे हैं।इसलिए मै बिहार के जनता से कहना चाहता हूं कि आप अपना कीमती मत किसी के बेतुके नारे पर देने का कोशिश मत कीजिए क्योंकि ये लोग आपको समाप्त कर देंगे। हमे समाज में बांट कर राजनीति करते हैं हम इन्हें सीएम बनाते है और ये हमे ही गरीब कहते हैं । अब समय बदल चुका है और हमें न तो कोई उस प्रकार का नारा चाहिए जो समाज को कमजोर करता हो और न तो उस प्रकार के नेता चाहिए जो हमें हमारे बीच ही अलग कर दे।
ये संजय कुमार यादव की कलम से