बीते हफ्ते से हरियाणा और दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन दिन-रात चल रहा है। इस प्रदर्शन में युवाओं और बुजुर्ग किसानों का जो जज्बा दिखा है। उसे देखते हुए माना जा रहा है कि किसान प्रधानमंत्री मोदी के सिंहासन की नींव हिला देंगे।

बीते दिनों में पंजाब और हरियाणा के किसानों ने भाजपा सरकार के हर जुल्म को बर्दाश्त करते हुए अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए डटे रहने का हौसला दिखाया है।

किसानों ने मोदी सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक तीनों कृषि कानूनों को वापिस नहीं लिया गया तो 5 दिसंबर बड़े स्तर पर प्रदर्शन होंगे।

आपको बता दें कि आज किसान संगठनों और मोदी सरकार के बीच विज्ञान भवन में बैठक हुई है। जिसमें किसान संगठनों ने मोदी सरकार के समक्ष तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग की।

इसी बीच खबर सामने आई है कि इस बैठक में कुछ 12 बजे के करीब जब ब्रेक लिया गया। तो वहां पर स्थिति काफी असमंजस भरी बन गई।

दरअसल किसानों ने सरकार की तरफ से किए गए खाने के इंतजाम का बायकाट किया है। सरकार द्वारा किसानों के लिए जिस खाने का इंतज़ाम किया गया था। किसानों ने उसे खाने से साफ़ इंकार कर दिया।

इस दौरान विज्ञान भवन में किसानों के लिए गुरुद्वारे से एम्बुलेंस में दाल सब्जी और रोटी का लंगर लाया गया। इसके साथ ही एक ड्रम में चाय भी लाई गई।

माना जा रहा है कि मोदी सरकार के खाने का बायकाट कर ये साबित कर दिया कि वे मोदी सरकार के किसी भी झांसे में आने वाले नहीं हैं।

दरअसल कृषि कानून मामले में किसान आर-पार की लड़ाई करने के मूड में नजर आ रहे हैं। इससे पहले भी किसानों ने मोदी सरकार के साथ किसी भी तरह की सशर्त मुलाकात करने से इनकार कर दिया था।