दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनकारियों की मांगों को सरकार मानने से इंकार कर रही है।

किसान आंदोलन के विपरीत भाजपा द्वारा किसान सम्मलेन आयोजित किए जा रहे हैं ताकि लोगों का ध्यान भटकाया जा सके। इसी बीच अब हरियाणा में सतलुज यमुना लिंक नहर के मुद्दे पर राजनीति शुरू कर दी गई है।

भारतीय जनता पार्टी द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में उपवास कार्यक्रम रखने का ऐलान किया गया था। एसवाईएल नहर के मुद्दे पर आज फतेहाबाद में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता एक दिन के उपवास पर बैठे थे। जिसका किसानों द्वारा जमकर विरोध किया गया है।

बताया जा रहा है कि फतेहाबाद में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा अनशन किया जा रहा था। वहां पर पहुंचकर किसानों ने पुलिस द्वारा लगाई गई बैरिकेड को तोड़ दिया। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।

जिसमें भारत माता की जय और नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि किसानों ने हाथों में काले झंडे लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

किसानों के विरोध को देखकर उपवास पर बैठे नेताओं और कार्यकर्त्ताओं को वहां से उलटे पाँव भागना पड़ा।

दरअसल भाजपा नेताओं और किसानों के बीच जब माहौल तनावपूर्ण हो गया। तो पुलिस फोर्स और अधिकारियों ने मौके पर दोनों के बीच बचाव करने की कोशिश की। लेकिन लेकिन नाराज किसानों ने पुलिस की भी एक ना सुनी और भाजपा नेताओं के तंबू उखाड़ कर फेंक दिए।

किसानों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता ये उपवास कर किसानों का उपहास बना रहे हैं।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के नेताओं को इस उपवास कार्यक्रम के लिए प्रशासन द्वारा शानदार मंच उपलब्ध करवाए गए हैं। जबकि किसानों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े गए थे