दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के विपरीत भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा कड़कती ठंड में सड़कों पर बैठे किसानों को नजरअंदाज कर चुनाव प्रचार करने में जुटी हुई है।

इस मामले में अब आंदोलन कर रहे किसानों ने मोदी सरकार पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। सोशल मीडिया न्यूज़ 24 न्यूज़ चैनल द्वारा ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर डटे किसानों से बातचीत की एक वीडियो सामने आई है।

किसानों का कहना है कि सरकार को चुनाव दिखाई देता है। लेकिन उनके मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

इस मामले में खाप से जुड़े कुछ किसानों ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा है कि यह किसानों का दुर्भाग्य है कि इस देश के गृहमंत्री पश्चिम बंगाल में प्रचार करने के लिए जा रहे हैं और किसान सड़कों पर कड़कड़ाती ठंड में बैठा हुआ है।

उनका कहना है कि गलती हमारी है कि हमने ऐसे नेता चुने हैं। जिन्हें सिर्फ चुनाव की ही चिंता है।

इन्हें सिर्फ जीत हासिल करनी है। जनता की इन्हे कोई चिंता नहीं है। किसानों ने यह साफ कह दिया है कि हमें कोई भी नहीं बरगला रहा है। किसान इस वक्त दुखी हैं

यह सरकार किसानों से बातचीत करने के लिए कभी मध्यप्रदेश जा रही है। तो कभी किसी और राज्य। दिल्ली में लाखों की तादाद में किसान जुटे हुए हैं। उनसे बात करके देख लीजिए। इससे सारी समस्या का समाधान हो जाएगा।

एक बार फिर किसानों ने यह साफ कह दिया है कि जब तक मोदी सरकार तीनों काले कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती। जब तक एमएसपी पर कोई कानून नहीं बनाया जाता। तब तक दुनिया की कोई भी ताकत किसानों को यहां से हिला नहीं सकती।

भाजपा के दावे की पोल खोलते हुए इस किसान ने यह भी कहा कि जो किसान संगठन इन कृषि कानूनों का समर्थन कर रहे हैं। उन्हें हमारे सामने लाइए। भला ऐसे कौन से किसान होते हैं। जो माथे पर चंदन लगाकर खेतों में काम करते हैं।

यह फर्जी किसान बनाकर लोगों को बरगलाना चाहते हैं। सरकार का कोई भी मंसूबा कामयाब नहीं होगा।