लगातार हो रही पशुओ की चोरी से ग्ग्रामीणों में दहशत, पुलिस की कार्यशैली पर उठ रही सवाल

पिछले तीन में हो चुकी है तीन दर्जन से अधिक पशु चोरी की घटनाएं

-पशु चोरों तक पहुचने में पुलिस भी गंभीर नजर नहीं आ रही है

The Star India,Kaimur:रामपुर स्थानीय प्रखंड क्षेत्र में पिछले तीन माह से लगातार हो रही पशुओ की चोरी से ग्रमीणों व पशुपालकों में दहशत है। ताजा मामला बुधवार की है। जहां बेलाव थाना क्षेत्र अंतर्गत अकोढ़ी गांव के भाजपा नेता तिलेश्वर दुबे के दरवाजे पर बंधी दो भैस को चोरों ने खोल दिया। इसकी जानकारी तब हुई जब पशुपालक सुबह चार बजे अपने पशुओ की चारा डालने के लिए गए तो देखा कि दोनों भैस गायब है। इसके बाद अगल बगल खोजने लगे लेकिन कही कुछ पता नही चला। पीड़ित भाजपा नेता तिलेश्वर दुबे ने बताया कि मैं रात 12 बजे खेत से बिचड़ा में पानी कर घर लौटा उस वक्त दोनों भैस थी लेकिन सुबह चार बजे दोनों गायब थी। इसके बाद हमलोग बेलाव थाना के फोन के माध्यम से इसकी सूचना देने के प्रयास किया लेकिन सुबह चार बजे के बाद से सात बजे तक फोन थानाध्यक्ष द्वारा नही उठाया गया। इसके बाद हमलोग बाइक व चारपहिया वाहन से कारण एक दर्जन से अधिक ग्रामीण खोजने निकले लेकिन कुछ पता नही चला। उन्होंने कहा कि पशुओ की चोरी लगातार हो रही है। बता दे कि भी आठ माह पूर्व भी इनके घर भीषण चोरी हुआ था जिसमे लगभग एक लाख रुपए नगद के साथ सोने चांदी के लाखों रुपए के गहने की चोरी हुई थी।

बता दे कि जिले की सड़कों पर अंधेरा होते ही पशु चोरों का आतंक शुरू हो जाता है। पशु चोरों के निशाने पर घरों के बाहर बंधे या फिर सड़क पर आवारा घूम रहे पशु रहते हैं। पशु चोरों तक पहुचने में पुलिस भी गंभीर नजर नहीं आ रही है। वही इनके गस्ती व कार्यशैली पर ग्रामीण सवाल खड़ा कर रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चोरी की घटनाएं अधिक हो रही हैं। पिछले तीन माह के दौरान अब तक तीन दर्जन से भी अधिक पशु चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। जिसका आज तक न तो पुलिस पता लगा सकी है और न ही पशु तस्कर या फिर किसी चोर का पता लगा सकी है। लेकिन लचर कार्यप्रणाली के चलते पुलिस आज तक किसी भी चोर का पता नही लगा सकी है, जिसके चलते पशु तस्कर और चोर और अधिक सक्रिय हो गये, लेकिन पशुपालकों की नींद उड़ गयी है और वे रात-रात भर जागकर अपने पशुओं की रखवाली कर रहे है।

कई स्थानों पर ग्रामीणों ने संभाला मोर्चा

पुलिस की निष्क्रियता के कारण कई गावों में ग्रामीणों द्वारा स्वयं मोर्चा संभालना पड़ रहा है। ग्रामीणों को रात के समय जाग कर पशुओं की रक्षा करनी पड़ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुलिस सही तरीके से गस्ती करती तो किसी प्रकार की कोइ घटना नही होती। ग्रामीणों ने कहा कि अब थाना को तीन तीन मिलने के बाद भी पुलिस चोरी रोकने में असफल साबित हो रही है।

तीन माह में कुछ प्रमुख घटनाएं

दो माह पूर्व करौंदा गांव निवासी बनारसी साह के एक भैंस

चन्द्रोदया गांव निवासी ज्योति तिवारी के भैस
उफरौली गांव निवासी घूरन पाण्डेय के एक भैंस
उफरौली गांव निवासी मनोज पाण्डेय के दो भैस
मईदाढ़ गांव निवासी मनीष तिवारी के चार भैस
दामोदरपुर गांव निवासी गुप्तेश्वर पाण्डेय के दो भैस
अकोढ़ी गांव निवासी मनु साह के पांच बकरी
तराव गांव से एक साथ दो दर्जन बकरी की चोरी
बेलाव पेट्रोल पंप के सामने से बकरी की चोरी
अकोढ़ी गांव निवासी राम जी सिंह के तीन भैस
इस तरह थाना क्षेत्र में पशु चोरों के आतंक से ग्रामीण पूरी तरह से दहशत में है वही पुलिस की कार्यशैली पर अंसतोष जाहिर कर रहे है।।