इससे पहले अमर सिंह की मौत को लेकर अफवाह उड़ाई गई थी, जिसके बाद उन्होंने खुद हॉस्पिटल से एक वीडियो जारी कर कहा था कि टाइगर जिंदा है. उन्होंने इस वीडियो में कहा था, “रुग्ण हूं, त्रस्त हूं व्याधि से लेकिन संत्रस्त नहीं हूं. हिम्मत बाकी है, जोश बाकी है और होश भी बाकी है. हमारे शुभचिंतक और मित्रों ने बड़ी तेजी से अफवाह फैलाई कि यमराज ने मुझे अपने पास बुला लिया है. ऐसा बिल्कुल नहीं है. मेरा इलाज चल रहा है.”
उन्होंने मृत्यु से तीन घंटे पहले ट्विटर पर ईद की शुभकामनाएं दी थी. वहीं बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि पर उन्हें स्मरण किया था. सोशल मीडिया पर वो लगातार एक्टिव रहते थे. कुछ दिनों पहले उन्होंने फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन से एक वीडियों पोस्ट कर माफी भी मांगी थी.
अमर सिंह के निधन पर कई नेताओं ने भी दुख जताया है. क्योंकि वो एक वरिष्ठ नेता थे और हर पार्टी के साथ उनके बेहतर संबंध थे, इसीलिए आज उनके निधन पर तमाम नेता दुख जता रहे हैं. अमर सिंह का नाम उत्तर प्रदेश के बड़े नेताओं में शुमार था. उन्हें समाजवादी पार्टी के मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव का काफी करीबी माना जाता था. हालांकि बाद में वो समाजवादी पार्टी से अलग हो गए थे. जिसके बाद पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों में ये भी कयास लगाए गए कि वो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मैदान में उतर सकते हैं. हालांकि बाद में खुद अमर सिंह ने इससे इनकार कर दिया था.
अमिताभ बच्चन को लेकर दिया था ये बयान
अमर सिंह ने एक बार कहा था कि अमिताभ बच्चन को पद्म विभूषण दिया जाना दिलीप कुमार का अपमान है. एक म्यूजिक एल्बम की लॉन्चिंग पर अमर सिंह ने कहा था कि अमिताभ बच्चन एक ऐसे एक्टर हैं जो कई क्रिमिनल केसों में लिप्त हैं. यही नहीं, पनामा पेपर्स विवाद में भी उनका नाम आ चुका है. साल 2016 में देश में बीफ पर विवाद छिड़ा था तब अमर सिंह ने कहा था कि जया बच्चन ने बीफ खाया है.
मुलायम से काफी नजदीक रहे
अमर सिंह ने मुलायम सिंह यादव के साथ अपने रिश्ते को खासी अहमियत दी. सपा से उनके निष्कासन के बाद भी नहीं टूटा. अमर सिंह ने इस रिश्ते को लेकर एक बार कहा था कि जब मुलायम ने कहा था कि मैं उनकी पार्टी में भले न होऊं पर उनके दिल में था, जब एक पुराना दोस्त कहता है कि ”मुझे तुम्हारी कमी खलती है”, तो मैं भला कैसे न लौटता.” अमर डंके की चोट पर कहते थे वे ”मुलायमवादी” हैं. उनकी वफादारी नेता के प्रति है, पार्टी के प्रति नहीं