वहीं रविवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि सचिन पायलट को अपनी स्थिति साफ करें और बातचीत करें. कांग्रेस की ओर से यह दावा किया गया है कि राजस्थान में गहलोत की सरकार को कोई संकट नहीं है और 14 अगस्त को होने वाले विधानसभा सत्र में बहुमत सिद्ध कर देगी. कांग्रेस प्रवक्ता ने रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया से बातचीत में राजस्थान के संकट पर कहा, सचिन पायलट को बातचीत करने जरूर आना चाहिए.

वो पहले अपनी स्थिति साफ करें तभी उनकी वापसी कोई बातचीत संभव हो सकती है. वहीं जब सुरजेवाला से पूछा गया कि सचिन पायलट के खिलाफ कठोर शब्दों का इस्तेमाल कर चुके अशोक गहलोत क्या दोबारा बागियों को शामिल करने के लिए तैयार हो जाएंगे तो उनका कहना था कि सरकार गिराने की साजिश के दौरान भी भावनाओं को ठेस’ पहुंचाने वाली बाते कही गई हैं.

सुरजेवाला ने कहा, अशोक गहलोत जी ने बहुत ही जिम्मेदार तरीके से काम किया है. उन्होने कहा, बीजेपी के साथ मिलकर उनकी सरकार गिराने की साजिश के दौरान उनकी भावनाओं को जो ठेस पहुंची है उस दौरान उनकी की ओर से दिए गए बयानों की आलोचना को विराम देना चाहिए. जब कांग्रेस नेता से पूछा गया कि राजस्थान में कांग्रेस के साथ कितने विधायक हैं तो उनका जवाब था कि उनके पास 102 विधायक हैं.

हालांकि इससे पहले सुरजेवाला 109 विधायकों के समर्थन की बात कह चुके हैं. आपको बता दें कि शनिवार के जैसलमेर जहां कांग्रेस के विधायकों को एक होटल में रखा गया है, वहां मीडिया से बातचीत में सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि उनको बागियों से कोई समस्या नहीं है अगर वे पार्टी आलाकमान से माफी मांग लेते हैं. गहलोत ने कहा कि पार्टी आलकमान जो भी कहेगा वो उसे मानेंगे.

आपको बता दें कि सचिन पायलट और उनके साथ 18 विधायकों ने बगावत कर दी है इसके बाद से राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट में आ गई है. हालांकि सचिन पायलट ने साफ कहा है कि वह बीजेपी में नहीं शामिल हो रहे हैं. इस बीच कांग्रेस की ओर से कई बार उनको संदेश भेजा गया है लेकिन उन्होंने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं.

इसके अलावा खबरो की बात करे तो गृहमंत्री अमित शाह सहित भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं को कोरोना पॉजिटिव हो जाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इसे अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर के लिए होने वाले भूमि पूजन के मुहूर्त से जोड़ दिया है. वहीं, उन्होंने बीजेपी पर सनातन हिंदू धर्म की मान्यताओं को नज़रअंदाज करने का आरोप लगाया है.