आखिर क्या पप्पू यादव का गिरफ्तारी सही है? या कहे की लोकतंत्र का हत्या है? हमारे यहां सेवा को परमोधर्म का दर्जा दिया गया है, हमारा इतिहास गवाह है कि जिसने भी इस समाज, राष्ट्र, और राज्य का सेवा किया उसको हमारा समाज ने मेडल दिया है न की हथकड़ी। मै भारतीय स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडेय का बात करू या भगत सिंह या सुखदेव का सबने उस समय अपने देश की स्वतन्त्रता के लिए वो सभी कार्य किए जो की सरकार विरोधी व देश हित में था तो क्या अंग्रेजो ने उसे देशद्रोही, सरकार विरोधी नही कहा था, तो क्या आज के नीतीश सरकार ब्रिटिश सरकार ही है । जननायक कर्पूरी ठाकुर के पदचिन्हों पर चलने वाले सेवा के धर्म निभाने वाले पप्पू यादव (जाप) अधयक्ष इन दिनो चर्चे में है। 10वी लोकसभा मे मधेपुरा से सांसद चुने गए और 2015 मे आरजेडी से बाहर होकर खुद का अपना पार्टी बनाए पप्पू यादव हमेशा कभी बाढ़, तो कभी सुखा, तो कभी प्यासे तो कभी महामारी के समय हमेशा सड़क और बिहार के गलियों मे दिखाई पड़ते है लेकिन आज दिनों जब पूरा विश्व कोविड 19, कोरोना वायरस जैसे महामारी से गुजर रहा है जिस महामारी का प्रकोप ने सभी व्यवस्थाएं को चौपट कर दिया है और इस समय जब कोरोना वायरस के दूसरे और तीसरे लहर ने पूरा विश्व को तबाह किया है इस समय पूरा विश्व एक दूसरे को सहयोग कर रहे है जिसमें एक पप्पू यादव है जो की इस कोरोना काल में बिहार के गलियों व अस्पतालो मे मरीजो को सहयोग करते दिखाई पड़ रहे है हम सभी इस बात से रूबरू है की इस समय भारत खासकर बिहार के स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर सबसे खराब हालात में है जहां लोग कोरोना वायरस से मरने के बजाए , ऑक्सीजन, दावा की कमी , अस्पतालो मे भरती न होने के कारण मर रहे है यहां तक की मां ने बेटा का लाश तो पत्नी ने पति के लाश को इग्नोर कर दे रही है इस बीच पप्पू यादव बिहार में मसीहा बनकर सबको सुविधाएं उपलब्ध करा रहे है ऑक्सीजन सिलेंडर , दावा , इत्यादि तो फिर क्या जरूरी था उनका गिरफ्तारी ? हालांकि ये मामला 32साल पुराना है जब उनका दोस्त ने लव मैरिज शादी किया था उस समय पप्पू यादव इस लव मैरिज शादी के विरोधी थे। कुछ दिन बाद उन्ही के दोस्तो में से एक ने पप्पू यादव पर एफआईआर दर्ज मुरलीगंज थाना में कराता है की उसके दोस्त का अपहरण पप्पू ही करवाया है । बाद में उनके कॉलेज के प्रिंसिपल के तरफ से ये सफाई आता है की पप्पू निर्दोष है आज उन्ही सब केसेज को दोबारा खोल पप्पू को जेल में रखा गया है। जब सुप्रीम कोर्ट पैरोल देकर एक से एक खुनकार अपराधी को कुछ दिनों के लिए रिहाई दे रही है तो फिर पप्पू का गिरफ्तारी सही है बेचारा पप्पू सेवा ही तो कर रहा था। गुनाह के लिए सजा जरूरी है और हमारे यहां विधि के समक्ष समानता और विधि के समान संरक्षण का प्रावधान है जिससे पप्पू क्या पीएम भी बाहर नही है लेकिन इस महामारी मे जब कोई सेवा दे रहा है तो उसका गिरफतारी कही मायने नही रखती है। सत्ता में आना सबका पोल खोल कर जनता को बेवकूफ क्यों बनाया जा रहा है आज पप्पू के गिरफ्तारी के विरोध में पूरा भारत एक साथ खड़ा है और जाप कार्यकर्ता पार्टी परमो धर्म सेवा का धर्म निभाते हुए पार्टी संरक्षक पप्पू यादव के रिहाई के लिए भी आंदोलन कर रहे है। मै ये भी बात नही कहता हू की पप्पू अच्छा व्यक्ति है लेकिन पिछले कुछ वर्षो से उनके द्वारा किए जानें वाला काम काफी सराहनीय है और खासकर कोरोना काल मे ,लेकिन इन सभी के चलते मैं ये भी नही कहूंगा की उनका गिरफ्तारी गलत है लेकिन प्रशन जनता बार बार पूछ रही है की रूडी के एंबुलेंस छापे के बाद ही क्यो फाइल खुली इस फाइल को 32 साल में कभी खुलने का मौका नही मिला या पप्पू पुलिस से फरार थे । वो गुंडा हो या क्रिमिनल जब वो नेक काम कर रहा है तब उसका गिरफ्तारी सही नही बल्कि उसे मेडल मिलना चहिए वरना सबका विश्वाश सरकार के उपर से हट जायेगा न तो लालू का प्रशासन इसे सॉल्व कर पाया और नही तो नीतीश का सुशासन फिर तब तो ये प्रशासन भगवान ही भरोसे है। हम सभी जानते है की नक्सलवादी , आतंकवादी किसी भी देश के लिए खतरनाक होता है लेकिन वो अपने देश का सेवा उस समय कर रहा है जब वह काफी खराब हालात में है जैसे कोरोना जैसा महामारी तो क्या उसका गिरफ्तारी सही है ? जी नहीं सेवा को परेशान करना महापाप होता है जिसको हमारा संविधान क्या भगवान का संविधान भी माफ नही कर सकता है। इस लिए सरकार को अगला स्टेप इन सभी घटनाओं से बचने का है और विकास का रोडमैप तैयार करने का है न की तुष्टीकरण की राजनीति का इसी सबका कारण है की बिहार आज पिछड़ा है और भारत विकासशील राष्ट्र के लिस्ट में आज 75साल से पड़ा हुआ है। नही तो क्या कोई पार्टी 15साल ,32 साल लगातार सरकार चलाए नही हो सकता । आज भारत की राजनीति राष्ट्रहित में न होकर , जाति, पार्टी, और धर्म के लिए हो गई है।

लेखक := संजय यादव
मुख्य संपादक ( The स्टार इंडिया )