10 महीने जेल में बिताने के बाद समाजवादी पार्टी की विधायक तंजीम फातिमा 21 दिसंबर की शाम को जमानत पर रिहा हो गईं। हालांकि उनके पति और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान एवं उनके बेटे अब्दुल्ला आजम अभी भी जेल में है।

दरअसल पिछले साल लोकसभा चुनाव के बाद आज़म खान और उनके परिवार को एक-एक करके कई मामलों में आरोपी बनाए जाने का सिलसिला तेज हुआ और एक-एक करके सभी को गिरफ्तार किया गया। अब महीनों बाद जमानत और रिहाई का सिलसिला शुरू हुआ है।

तंजीम फातिमा की रिहाई पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी ने लिखा- “सपा विधायक श्रीमती तंजीम फातिमा जी को जेल से रिहाई मिलना न्यायालय में विश्वास और संविधान की जीत है।

माननीय न्यायलय का आभार एवं धन्यवाद।

विश्वास है जल्द ही आजम साहब और उनके पुत्र श्री अब्दुल्ला आजम खां को भी न्याय मिलेगा। ये अन्याय पर न्याय की विजय की शुरुआत है।”

दरअसल उत्तर प्रदेश की राजनीति समझने वाले इस बात को बखूबी जानते हैं कि आजम खान और उनके परिवार को किसी अपराध की वजह से जेल में नहीं रखा गया है बल्कि वो राजनीतिक पूर्वाग्रह और साजिश का शिकार हुए हैं।

क्योंकि विश्वविद्यालय खोलने और चलाने वाले इस परिवार को कई शर्मनाक आरोपों को झेलना पड़ा है।

शायद सरकार की इसी जबरदस्ती की वजह से सपा समर्थकों में सरकार के प्रति आक्रोश और आजम खान एवं उनके परिवार के प्रति सहानुभूति बढ़ रही है।

सोशल मीडिया पर तंजीम फातिमा की रिहाई के बहाने सरकार की क्रूरता को उजागर किया जा रहा है। ऐसा ही उदाहरण है सत्यपाल यादव द्वारा लिखी गई यह फेसबुक पोस्ट जिसमें वो कहते हैं-
‘दलितों,पिछड़ों,गरीबों, मजलूमों, शोषित, पीड़ित, वंचित, अल्पसंख्यकों समाज के बच्चों की शिक्षा के लिए मेडिकल कॉलेज, और विश्वविद्यालय बनाने की इतनी बड़ी सजा दी जा रही है ।

जिस महिला ने 60 वर्षो तक लेक्चरर के पद पर राजकीय सेवा की हो उस महिला को अचानक जेल भेजकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने जबरन प्रताड़ित किया, किसी भी सरकार का यह व्यवहार लोकतंत्र में बेहद अमानवीय और क्रूर रवैया है

आज पूर्व राज्यसभा सांसद वर्तमान विधायक श्रीमती तंजीम फातिमा जी को 10 माह उपरांत जेल से रिहाई मिलना न्यायालय में विश्वास और संविधान की जीत है।

न्यायालय पर विश्वास है कि जल्द ही आदरणीय आजम खान जी और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान जी भी हमारे बीच होंगे।’