बीते दिनों राज्यसभा सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसान प्रदर्शनकारियों को आंदोलनजीवी और परजीवी कहने पर विपक्षी पार्टियों द्वारा जमकर नाराजगी जताई जा रही है।

इस कड़ी में कल लोकसभा सदन में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने ये मुद्दा उठाया।

लोकसभा में हरसिमरत कौर बादल ने तीनों कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार के रवैए को अहंकारी बताया है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान कृषि कानूनों को किसानों पर बिना उनकी शंकाए दूर किए थोपा गया है।

इस दौरान शिरोमणि अकाली दल की नेता ने पीएम मोदी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि अन्नदाताओं को प्रधानमंत्री परजीवी बता रहे हैं। जिनकी बदौलत पूरा देश अपना पेट भरता है।

लोकसभा सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान हरसिमरत कौर ने भाजपा के खिलाफ कड़े तेवर दिखाए।

बीते साल से चल रहे किसान आंदोलन में अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा किसानों ने जान गंवाई है। लेकिन पीएम मोदी द्वारा उनके लिए एक भी संवेदना की लाइन अब तक नहीं कही गई है। यह सरकार पूरी तरह से असंवेदनशील हो चुकी है।

उन्होंने 26 जनवरी के मौके पर दिल्ली में हुई हिंसा पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि यह इंटेलिजेंस विभाग की असफलता है। अगर 4 घंटे में लॉकडाउन लगाया जा सकता है। एक दिन में नोटबंदी की जा सकती है। तो 26 जनवरी की घटना के बारे में पहले अंदाजा क्यों नहीं लगाया गया ?

आपको बता दें कि शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने सितंबर में अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

यह इस्तीफा उन्होंने भाजपा द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में ही दिया था। जिसके बाद पंजाब में सालों पुराना भाजपा अकाली दल गठबंधन भी टूट चुका है।