थोड़ा सा पीछे चलते हैं जब छत्रपति शिवाजी महाराज का निधन हुआ था तो उन्होंने अंतिम समय में यह बात कही थी कि हमें अपने सभी धार्मिक स्थलों को मुक्त करवाना है! उनके इस कथन का मान रखते हुए अयोध्या तो मुक्त हो गया परंतु आज भी हमारे हजारों धार्मिक स्थल मुक्त करवाए जाने बाकी है! अयोध्या के बाद अब मांग उठ रही है कि अयोध्या तो झांकी है काशी मथुरा और 40000 से ज्यादा मंदिर बाकी है!

अयोध्या की मुक्ति के बाद अब बारी काशी की है! वह काशी इसको भगवान शिव शंकर का क्षेत्र माना जाता है! काशी को काशी विश्वनाथ कहा जाता है क्योंकि यहां पर काशी में भगवान विश्वनाथ का शिवलिंग था! हिंदू आस्था का केंद्र स्थान था भव्य मंदिर था जिसे तो-ड़ दिया गया था! अयोध्या की तरह इस पर भी मस्जिद बना दी गई!

अयोध्या का मामला तो 30 साल तक चला! जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या का भव्य राम मंदिर का निर्माण होना तय हो गया है! लेकिन अगर बात करें काशी और मथुरा के मामले की तू यह मामला इतना कठिन नहीं है जितना अयोध्या का था! क्योंकि इन दोनों के ढेरों सबूत मौजूद हैं!

इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने काशी की मुक्ति के लिए अभियान शुरू कर दिया है! अखिल भारतीय संत समिति ने अयोध्या के बाद अब काशी को लेकर अपनी योजनाओं को तैयार करें और श्री काशी ज्ञानवापी मुक्ति यज्ञ समिति बनाई जा चुकी है!
बता दें कि इस समिति की एक बैठक मथुरा में हो भी चुकी जिस पर काशी और मथुरा दोनों पर चर्चा हुई है! स्वामी जितेंद्र नंद सरस्वती जो कि महासचिव है उनका कहना है कि अयोध्या की तरह अब काशी और मथुरा की मुक्ति के लिए भी कार्य शुरू किया जाएगा! समिति ने यह भी कहा कि साल 1669 को मुगल सम्राट औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ का भव्य मंदिर तो-ड़ दिया था और उस स्थान पर मस्जिद बनाई गई थी अब इस स्थान की मुक्ति होनी चाहिए यहां पर वापस बाबा भोलेनाथ का ज्योतिर्लिंग की स्थापना की जानी चाहिए