भारत बंद के सफल आयोजन के बाद तमाम किसान नेताओं को बुलाकर घंटों मीटिंग करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने अड़ियल रवैया जारी रखा।

अब मोदी सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि नए बनाए गए कृषि कानूनों को न वापस लिया जाएगा न उनमें कोई बदलाव लाया जाएगा।

इस पर नाराज होते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लिखते हैं- ‘भाजपा सरकार बुजुर्ग किसानों को बार-बार अलग-अलग जगह पर बुलाकर बिना किसी नतीजे के अपमानित-सा कर रही है।

देश की जनता आक्रोशित होकर सब देख रही है। भाजपा कुछ पूंजीपतियों के स्वार्थ को पूरा करने के लिए बिचौलिया बनाना बंद करे, भाजपाई अहंकार की सत्ता नहीं चलेगी!’

गौरतलब है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 8 दिसंबर को हुए भारत बंद का भी समर्थन किया था।

7 दिसंबर से ही उनके आवास की घेराबंदी कर दी गई थी और जैसे ही उन्होंने घर से निकलने की कोशिश की पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

इसके बाद भड़के समाजवादी कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में विरोध प्रदर्शन किया और भारत बंद में शामिल हुए।

हालांकि विपक्षी नेताओं या सामाजिक संगठनों की इतनी जोरदार प्रतिक्रिया के बाद भी भाजपा सरकार किसानों की मांग मानने के लिए तैयार नहीं है। शायद इसीलिए कहा जा रहा है कि वर्तमान सरकार पूंजीपतियों के इशारे पर काम कर रही है।