बीते साल उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए गैंगरेप कांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। हाथरस में हैवानियत का शिकार हुई गैंगरेप पीड़िता ने दिल्ली के अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

अब एक बार फिर उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से ऐसे ही हैवानियत की खबर सामने आई है। खबर के मुताबिक, 50 साल की एक आंगनवाड़ी सहायिका के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी गई है।

इन दरिंदों ने महिला के प्राइवेट पार्ट में रॉड डालने की कोशिश भी की। बताया जा रहा है कि शरीर के अन्य हिस्सों पर भी गंभीर चोटें आई हैं। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि एक फरार है।

इसके साथ ही लापरवाही बरतने के आरोप में थानाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया है। दरअसल 3 जनवरी की शाम को 50 साल की यह महिला मंदिर में पूजा करने के लिए गई थी।

जहां मंदिर में मौजूद महंत सत्यनारायण, उसके चेले वेदराम और ड्राइवर जसपाल ने महिला के साथ गैंगरेप किया। इसके बाद वह अपनी गाड़ी से ही महिला की लाश को खून से लथपथ उसके घर के सामने फेंक कर फरार हो गए।

इस मामले में भारत समाचार के एडिटर इन चीफ ब्रजेश मिश्रा ने ट्वीट कर उत्तर प्रदेश पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि बदायूं गैंगरेप-मर्डर केस, किसी भी सभ्य समाज पर कलंक है। मंदिर गई 50 वर्षीय महिला को गैंगरेप के बाद मर्डर कर दिया गया। गैंगरेप के दौरान जो भयावहता की गई शायद राक्षस भी कांप जाता। लेकिन महंत और उसके चेले दानव निकले। बदायूं पुलिस 2 दिन तक मामला छिपाए रही। ये हैवानियत की पराकाष्ठा है।

आपको बता दें कि थाने में शिकायत लिखवाने आई पीड़ित परिवार को भी पुलिस ने गुमराह किया है।

पुलिस ने आंगनवाड़ी सहायिका की गैंगरेप के बाद हुई हत्या एक घटना को झूठा करार दिया। पुलिस का कहना था कि महिला की मौत के कुएं में गिरने से हुई है।