दिल्ली की सीमा पर इस समय पंजाब और हरियाणा से आए किसान अपना डेरा डाले हुए हैं। ये किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। फिलहाल किसानों और सरकार के बीच बातचीत जारी है। जहां सरकार किसानों को कानूनों में संशोधन का आश्वसान दे रही है तो वहीं किसान कानून की वापसी से कम कुछ भी नहीं चाहते हैं। किसानों के प्रदर्शन पर अपनी राय रखते हुए एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार ने फेसबुक पोस्ट किया। रवीश कुमार ने फेसबुक पोस्ट में सवाल किया कि ‘सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने वाले किसान क्या अंबानी-अडानी से लड़ पाएंगे?’ इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, ‘कांच की बोतल में मनी प्लांट लगाने वाले लोग कृषि कानून पर ज्ञान बांट रहे है। यदि खेत मे काम करते तो किसान का दर्द समझ हक मिलना चाहिए।’

रवीश कुमार ने अपने पोस्ट में लिखा कि किसान आंदोलन अपने मुद्दों के प्रति ईमानदार है। जबकि केंद्र सरकार किसान संगठनों से बातचीत के नाम पर उनके बीच फूट डालने की कोशिश कर रही है। रवीश कुमार ने किसानों की एकजुटता पर लिखा, ‘किसानों ने रिलायंस और अडानी के विरोध का एलान कर बता दिया है कि गाँवों में इन दो कंपनियों की क्या छवि है। किसान इन दोनों को सरकार के ही पार्टनर के रूप में देखते हैं। जनता अब बात बात में कहने लगी है कि देश किन दो कंपनियों के हाथ में बेचा जा रहा है।’