उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की कार्यशैली और राजनीतिक परिपक्वता के चर्चें आज भी कम नहीं हैं। उनकी व्यक्तिगत ज़िंदगी भी काफी दिलचस्प रही है और उसके चर्चें भी खूब हुए हैं। मुलायम सिंह ने अपनी पहली पत्नी मालती देवी के निधन के बाद साधना यादव से शादी कर ली थी। हालांकि साधना यादव कभी राजनीति में नहीं आईं।

साधना ने खुद इसके पीछे की वज़ह बताते हुए कहा था कि उनका मन था कि वो राजनीति में आएं लेकिन नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने उन्हें राजनीति में आने से मना कर दिया था। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के मतदान के आखिरी दिनों के दौरान समाजवादी पार्टी के भीतर कुछ कलह होने लगी थी। इसी दौरान साधना यादव ने अपनी चुप्पी तोडी थी और कहा था कि वो राजनीति में तो नहीं आ सकीं लेकिन अब वो समाजसेवा के लिए खुलकर काम करेंगी।

साधना यादव का कहना था कि वो हमेशा से ही पार्टी के लिए पर्दे के पीछे से काम करती रही हैं और अब वो सामने आना चाहती हैं एक समाजसेविका के रूप में। साधना यादव के एक बेटे भी है प्रतीक यादव। प्रतीक, बॉडी बिल्डर हैं और वो लखनऊ में एक जिम चलाते हैं। हालांकि उनकी मां चाहती हैं कि वो राजनीति में आएं लेकिन अभी तक प्रतीक के राजनीति में आने की कोई चर्चा नहीं है।

आपको बता दें कि मुलायम सिंह यादव से शादी करने से पहले साधना यादव भी शादीशुदा रह चुकीं थीं। उनकी शादी 4 जुलाई 1986 में चंद्रप्रकाश गुप्ता से हुई थी। इसी शादी से प्रतीक यादव का जन्म हुआ था। दो साल बाद दोनों के बीच मनमुटाव हुआ और दोनों अलग हो गए। इसके कुछ समय बाद से साधना और मुलायम सिंह यादव के बीच नजदीकियां बढ़नी शुरू हुई थी।

अखिलेश यादव की बायोग्राफी, ‘विंड्स ऑफ चेंज’ में भी उनके पिता और सौतेली मां के रिश्तों का ज़िक्र किया गया है। इस जीवनी को वरिष्ठ पत्रकार सुनीता एरॉन ने लिखा है। कहा जाता है कि साधना यादव ने मुलायम सिंह की बीमार मां की खूब सेवा की थी। इस घटना के बाद साधना और मुलायम सिंह के बीच रिश्ते मजबूत होने शुरू हुए थे। साल 2003 में मुलायम सिंह की पहली पत्नी का निधन हो गया। जिसके बाद 23 मई को मुलायम सिंह यादव ने साधना यादव को अपनी पत्नी का दर्जा दे दिया था।