जातिय जनगणना को लेकर बिहार मे जेडीयू और राजद जहां केंद्र सरकार को घेर रहे है ,तो वहीं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर ये जानकारी शेयर किए है की जातिय जनगणना यदि नहीं होती है, तो देश मे अल्लसंख्यक, दलित , महादलित जितने भी है सब जातिय जनगणना को बहिष्कार कर सकते है। जिस जनगणना विधि से देश के बहुसंख्यक जाति या वर्ग के लोगों के जनसंख्या ही मालूम न हो तो फिर इस तरह की जानवरों , कुत्ते , बिल्लियां वाली जनगणना का कुछ ही अर्थ नहीं है। मै आपको बताते चलूं की प्रत्येक 10 साल के बाद भारत मे जनगणना की जाती है जिसमे प्रत्येक घर की जनसंख्या का आंकड़ा सरकार के पास होती है जिससे के आधार पर सरकार अपने जनता को मूलभूत सुविधाएं सही रूप से उचित समय मे दे सकें। जो की इन साल 2021 मे होने वाले है । तो वही विपक्ष जातिय जनगणना को पुरजोर से मांग कर रही है जिससे उनके राजनीती का समीकरण आसान हो सके। हालांकि केंद्र सरकार इन सब मांगो के बाद ये बिल पारित कर दी है जिससे राज्य सरकार अपने हिसाब से जनगणना कर सकें।