टोक्यो ओलम्पिक का समापन हो चुका है जीते हुए प्रतिनिधियों को पब्लिसिटी के साथ साथ बहुत सारे पद और पद्दोन्नति के लिए अवसर का बहार राज्य खोल चुका है। अंतिम समय तक नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल लाकर अपने भारतीए क्षमता को देखा ही दिया की हम एथेलेटिक्स मे भी कम नहीं है। आज बिहार विधान सभा के प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार को दोषी ठहराते हुए बिहार के दुर्भाग्य के सारांश सामने रख दिया और कहा भी की हमारा भूतपूर्व खिलाड़ी व युवा नेता होने के बाद ये मेरा दायित्व बनता है की मै ओलम्पिक मे बिहारियों का भाग नही लेने का कारण और अपने दर्द को आपलोगो से साझा करूं। जहां , पंजाब, हरियाणा, और मणिपुर जैसे छोटे राज्य अपने शारीरिक बल और क्षमता पर देश का प्रतिनिधित्व विश्व स्तर पर कर रहा है तो बिहार के बच्चे रोजगार के लिए आंदोलन कर रहे हैं। क्या ये दुर्भाग्य नहीं है की हम 13 करोड़ होकर भी वैश्विक स्तर पर कही नहीं है। बिहार सरकार को अपने अधिकार के लिए अपना कदम आगे बढ़ाना चहिए। आज बिहार के खिलाड़ी यदि किसी नेशनल और इंटरनेशनल खेल मे भाग भी लेता है तो उसका पढाई, लिखाई किसी दूसरे राज्य से हुआ रहता है। उसका निवास कहीं और जगह का होता है । तेजस्वी यादव ने कहा की हमारी सरकार जब भी सत्ता मे आएगी हम पूर्ण रूप से खिलाड़ियों को सहयोग करेंगे हमलोगो ने अपना मेनिफेस्टो मे भी इस बात को जिक्र किया था हालांकि बिहार सरकार को धन्यवाद देना चाहूंगा की वो हमारे घोषणापत्र का खेल संस्थान का जिक्र को अब लागू करने पर अपना कदम आगे बढ़ा रहा है।