पटना

बिहार में बदलाव की बात की जाए तो आप देखेंगे कि बदलाव तो प्रत्येक 5 वर्ष पर होता परंतु बदलाव नीतीश कुमार के सीएम चेहरे की नहीं बल्कि गठबंधन की। कभी जेडीयू – बीजेपी, तो कभी जेडीयू – राजद, और दोनो में सीएम नीतीश ही। अब बिहार के लोग भी इस बात को समझ रहे हैं की आखिर इस तरह से क्यों होता है । उसका एक ही कारण है राजनीतिक लाभ जेडीयू का होना।

2020 का बिहार विधानसभा चुनाव जेडीयू और एनडीए गठबंधन साथ में लड़ा और जीत भी हासिल किया लेकिन जिस तरह से जेडीयू बिहार में तीसरे स्थान की पार्टी हो गई जो बीजेपी का खेल को समझ गई और वर्ष 2022 के मध्य आते – आते राजद के साथ मिलकर सरकार बना ली।

राजद नेताओं का नीतीश पर बयान नीतीश की राजनीति पर दिख रहा है तीखा

राजद कोटे से पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का सरकार पर तीखा हमला सरकार और राजद को घेरे में डाल रहा है। एक कार्यक्रम में सुधाकर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शिखंडी तक कह दिया।
इस समय शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर का बयान आ रहा है जिस तरह से रामचरितमानस पर वो बोल रहे हैं की रामचरित मानस समाज को बांटता है तो वो हिंदू धर्म का विरोध करते आ रहे हैं और वहीं इस्लाम को शांति,चयन का धर्म बता रहे हैं।

एक शिक्षा विभाग से जुड़ी ख़बर के साथ ट्वीट करते हैं शिक्षित बिहार, तेजस्वी बिहार ।

राजनीतिक क्षेत्र में इसे राजद और जेडीयू में शीर्ष नेतृत्व को लेकर खींचतान चल रहा है। ऐसे में जानकारो का मानना है कि जदयू शिक्षा मंत्री के नए ट्वीट को भी ऑफिशियल मानने लगे तो इसमें आश्चर्य की बात नहीं । ये ट्वीट जेडीयू को दिल पर चोट दे सकता है क्योंकि ये कहा जाता है उसके कैंपेन में बिहार में बाहर है, नीतेशे कुमार है।

The स्टार इंडिया ब्यूरो