5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन होने जा रहा है पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में इस कार्यक्रम का आयोजना किया जायगा। दशकों तक चले राम मंदिर आंदो-लन ने बीजेपी के कई नेताओ को देश की राजनीती में एक पहचान दी है। लेकिन राम मंदिर के लिए सबसे बड़ी कु-र्बानी पार्टी नेता कल्याण सिंह ने दी है। बीजेपी के इकलौते ऐसे नेता थे। जिन्होंने 6 दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी विध्वंस के बाद अपनी सत्ता को भी बलि चढ़ा दिया था। राम मंदिर के लिए सत्ता ही नहीं गवाई। बल्कि इस मामले में सज़ा पाने वाले वे इकलौते शख्स है।

5 जनवरी 1932 को कल्याण सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। बीजेपी के क-द्दावर नेताओ में शुमार होने वाले कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के सीएम और राजस्थान के राजयपाल भी रह चुके है। एक दौरे में वो राम मंदिर आंदो-लन के सबसे बड़े चेहरों में से एक थे। उनकी पहचान हिं-दुत्व वादी और प्रखर वक्ता के तौर पर ही थी।

30 अक्टूबर, 1990 को जब मुलायम सिंह यादव यूपी के सीएम थे तो उन्होंने कार सेवको पर गो-ली चलवा दी थी। प्रशासन कार सेवको के साथ सख्त रवैया अपना रहा था। ऐसे टाइम में बीजेपी ने उनका मुकाबला करने के लिए कल्याण सिंह को आगे किया। कल्याण सिंह बीजेपी में अटल बिहारी वाजपेयी के बाद दूसरे ऐसे नेता थे। जिनके भाषणों को सुनने के लिए बेताब रहते थे। कल्याण सिंह उ-ग्र तेवर में बोलते थे। उनकी यही अदा लोगो को पसंद आती है।

कल्याण सिंह ने एक साल में बीजेपी को उस मुकाम पर लेकर खड़ा कर दिया है कि पार्टी ने 1991 में अपने दम पर ही यूपी में सरकार बना ली है। कल्याण सिंह यूपी में बीजेपी के पहले सीएम बने थे। सीबीआई में दायर आ-रोप पत्र के हिसाब से सीएम बनने के ठीक बाद कल्याण सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ अयोध्या का दौरा किया और राम मंदिर का निर्माण करने के लिए शपथ भी ली थी।

कल्याण सिंह सरकार के एक साल भी नहीं गुजरे थे कि 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में कार सेवको ने वि-वादित ढांचा गिरा दिया। जबकि उन्होंने सर्वोच्च न्यायलय में भी शपथ पत्र देकर बोला था कि उत्तर प्रदेश के सीएम के रूप में वो मस्जिद को नहीं होने देंगे। इसके बावजूद भी 6 दिसंबर 1992 को वहीं प्रशासन जो मुलायम के दौरे में कार सेवको के साथ सख्ती बरता था। मूकदर्शक बन तमाशा देख रहा था। सरेआम बाबरी मस्जिद वि-ध्वंस कर दी गई है। इसके लिए कल्याण सिंह को जिम्मेदार माना गया है। कल्याण सिंह ने इसकी नैतिक जिम्मेदार लेते हुए 6 दिसंबर, 1992 को ही सीएम पद से त्यागपत्र दे दिया है। लेकिन दूसरे दिन केंद्र सरकार ने यूपी की बीजेपी सरकार को भी बर्खास्त कर दिया।

कल्याण सिंह ने उस टाइम ये बोला था कि ये सरकार राम मंदिर के नाम पर बनी थी और उसका मकसद पूरा हुआ। ऐसे में सरकार राम मंदिर के नाम पर कु-र्बान हुई थी। अयोध्या में बाबरी मस्जिद गि राए जाने और उसका रक्षा न करने के लिए कल्याण सिंह को एक दिन सजा भी मिली।

बाबरी मस्जिद वि-ध्वंस की जाँच के लिए बने लिब्राहन आयोग ने तत्कालीन पीएम वीपी नरसिम्हा राव को क्लीन चित दी थी, लेकिन योजनाबध्द, सत्ता का दरुपयोग, समर्थन के लिए युवाओ को आकर्षित करने के लिए और आरएसएस का राज्य सरकार में सीधे दखल के लिए तत्कालीन कल्याण सिंह को और उनकी सरकार की भी आलोचना की। कल्याण सिंह को मिलकर और भी कई नेताओ के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज़ किया है। कल्याण सिंह पर आज भी बाबरी वि-ध्वंस मामले में मुकदमा चल रहा है। अभी कुछ टाइम पहले ही लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत में उन्होंने अपने बयान भी दर्ज़ कराये है।

26 साल पहले अयोध्या में जो भी हुआ वो सब खुल्ल्म-खुल्ला हुआ था। हजारो की तादाद में मौजूद कार सेवको के हाथो में हुआ था। इस घटना के टाइम मंच पर मौजूद मुरली मनोहर जोशी, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, विनय कटियार, उमा भारती, साध्वी ऋतम्भरा और लालकृष्ण आडवाणी ये सब वही पर मौजूद थे। कल्याण सिंह पर ही मस्जिद को बचाने का जिम्मा था।

बीजेपी की आज जो भी सियासत है वो राम मंदिर आंदो-लन की ही देन है। इसके लिए लालकृष्ण आडवाणी के साथ-साथ कल्याण सिंह की अहम भूमिका रही है। लालकृष्ण आडवानी ने जब सोमनाथ से अयोध्या के लिए रथयात्रा भी निकाली थी तो नरेंद्र मोदी उनके सारथी थे। इसके बाद 2002 में गोधरा में ट्रेन की जो बोगी जलाई थी उसमे म-रने वाले भी सब कार सेवक थे। इसके बाद ही गुजरात में नरेंद्र मोदी का उभार शुरू हुआ था।