सुशांत सिंह राजपूत की दिल बेचारा फ़िल्म देखा। 1 घंटा 41 मिनट के फिल्म में कभी पलक नहीं झपकने नहीं दिया कि कुछ छूट न जाय।
सुशांत सिंह राजपूत की अंतिम फिल्म ‘दिल बेचारा’ देख ली गई है. स्ट्रीमिंग प्लैटफॉर्म डिज़्नी+हॉटस्टार पर ये फिल्म फ्री में अवेलेबल है,
इस फिल्म का इंतजार सबको था । ऐसे कम ही समय हुआ है जब किसी फिल्म को देखने के लिए इतना इंतजार किया। और भी फिल्मों के लिए करते थे लेकिन इस तरह का इंतजार नहीं किया। इसके लिए हमने पूरा तैयारी किया दिमागी तौर पर भी और ऐसे भी क्यों कि जब आपको पता हो जिस फिल्म को देखने जा रहे है। उस फिल्म का एक्टर हमारे बीच इस दुनिया में नहीं है। और ये फिल्म उसका आखिरी है तो बहुत कुछ अंदर ही अंदर टूट रहा होता है। बहुत संभालना पड़ता है आपका तो पता नहीं लेकिन मेरे साथ ऐसा है। मैं यहां पर कोई फ़िल्म का रिव्यु बताने नहीं आये हूँ। और अभी इस फिल्म का रिव्यू न बताने का मन है न ही पढ़ने का। बस इतना कहेंगे बिना कारण बिना वजह दिल बेचारा देखें निराश नहीं होंगे सुशांत सिंह के एक्टिंग से। सुशांत सिंह के एक्टिंग में ये खूबसूरती है न वो पहले किसी फिल्म में निराश किया न ही अब जाने के बाद।

यह फिल्म देखना इसीलिए भी जरूरी है कि ये सुशांत सिंह का अंतिम फिल्म है और यह फिल्म उनके फैन को डेडिकेट है। फिल्म में जिंदगी के बारे में है। कैसे ज़िन्दगी में इतनी दुःख होने के बावजूद भी खुश रहना चाहिए। सुशांत जिंदगी जीना सिखाता है जबकि उसको पता होता है कि ये जिंदगी एक दिन छोड़कर जाने वाली है। संजना सांघी भी बहुत अच्छा एक्टिंग की है । कैंसर पीड़ित लड़की जो जीना भूल जाती है, उसके जिंदगी में रंग भरता है। दिमाग बार बार यही कहता है इतना खुशमिजाज आदमी हमें और इस दुनिया को छोड़कर कैसे चला गया ? दिल ये मानने को तैयार ही नहीं होता कि सुशांत सिंह हमारे बीच नहीं है। फिल्म देखते समय तो याद ही नहीं आया कि सुशांत सिंह तो अब हमारे बीच तो रहा ही नहीं।
अगर आप सुशांत के फैन हैं तो बहुत रो चुके उनको को याद करके, यह फिल्म आपको सुशांत के लिए हंसना सिखाएगी।

जिंदगी से लड़ना सिखाएगी। जिंदगी को एकदम हरफनमौला बना देगी। सुशांत को देखकर आपका मन खुश हो जाएगा। मैनी के रोल में शायद सुशांत से बेहतर कोई हो ही नहीं सकता था। सुशांत का पहला सीन में मैं निश्चित तौर पर इमोशनल हो गया। मैनी एक मस्तमौला लड़का है जिसे किसी का फर्क नहीं पड़ता है। सुशांत को हमने तब खोया है शायद जब वो अपने बेस्ट पर थे। उनकी ऐक्टिंग और कॉमिक टाइमिंग गजब की है। इस फिल्म के किरदार और असल जिंदगी में कुछ नहीं बदला सुशांत सिंह फिल्म में भी सबको छोड़कर चले जाते हैं और असल जिंदगी में भी हम सबको छोड़कर चले गए। सुशांत सिंह की एक्टिंग ही कई लोगों के अंदर दबा हुआ दर्द को फिर से बाहर ला दिया है।