दिल्ली में किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों के आंदोलन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शरजील इमाम और उमर खालिद जैसे लोग कब किसानों के हितैषी रहे हैं? दरअसल ‘न्यूज 18’ के एक शो में योगी आदित्यनाथ ने एंकर अमीष देवगन से बातचीत के दौरान कहा कि ‘इन चेहरों का किसान आंदोलन से मतलब क्या है? आखिर ये लोग कब किसान और हिन्दुस्तान के हितैषी रहे हैं? इस देश का किसान, हिन्दुस्तान और भारत की समृद्धि का पर्याय है। वो हमारे अन्नदाता हैं। देश में किसानों का बहुत बड़ा योगदान है। हमने देश के सीमाओं की रक्षा करने वाले जवान और देश के प्रत्येक नागरिक को अन्न उपलब्ध कराने वाले किसानों का हमेशा सम्मान किया है।

सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि किसानों को सम्मान देने के लिए है, लेकिन जब यहां पर शरजील इमाम, उमर खालिद और देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा रहे नक्सलियों को सम्मानित किया जाए तब यह आंदोलन पूरी तरह भटकाव की ओर जा चुका है। किसान तो सिर्फ मुखौटा हैं असली निशाना तो राष्ट्र सद्भावना को ठेस पहुंचाना है। भारत को कोई इंसान, किसान इसको स्वीकार नहीं कर सकता है।’

जब एंकर ने सीएम से पूछा कि क्या किसान आंदोलन को शाहीन बाग-2 बनाने की तैयारी है? तब उसपर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘हम लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हैं औऱ लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है बातचीत और विमर्श। लेकिन दुर्भाग्य से इस पूरे आंदोलन में नित्य नई शर्ते जोड़ी जा रही हैं।

अब किसानों की बातों को दूर कर दिया गया है और इस आंदोलन में उन लोगों को रिहा करने की बात हो रही है जो देशद्रोही हैं, भारत के एकता अखंडता को तोड़ता और टुकड़े-टुकड़े गैंग की पैरवी करता हुआ यह आंदोलन नजर आ रहा है।

शाहीनबाग के पीछे कौन लोग थे? कौन चेहरे थे? शाहीन बाग के पीछे जो चेहरे थे उनके बारे में देश जानता है कि इन लोगों ने किस प्रकार का मंजर खड़ा किया था। जब भी इस प्रकार के चेहरे आगे बढ़ेंगे और किसी भी व्यवस्था को बंधक बनाने का प्रयास करेंगे उससे आम आदमी ही प्रभावित होगा। ये लोग उसी तर्ज पर इसे बढ़ाने की प्रयास कर रहे हैं लेकिन यह लोग सफल नहीं होंगे।’