एक तरफ जहां दिल्ली में देशभर के विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों का साथ मिल रहा है। दूसरी तरफ भाजपा शासित उत्तर प्रदेश योगी सरकार किसान आंदोलन में भाग लेने वाले किसानों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर रही है।

अब खबर सामने आई है कि योगी सरकार द्वारा किसान आंदोलन में भाग लेने वाले किसानों को 50 लाख के नोटिस भेजे हैं।

इस नोटिस में कहा गया है कि भाजपा द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ संभल के अन्य गाँवों में घूमकर-घूमकर किसानों को भड़काने का काम कर रहे हैं।

कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताकर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही है। किसानों द्वारा ऐसा करने से राज्य में कानून व्यवस्था खराब होने की आशंका है।

किसानों को यह नोटिस धारा 111 के तहत भेजे गए हैं। नोटिस में किसानों पर एक साल तक शांति बनाए रखने के 50 लाख रूपए का मुचलका क्यों न लगाए जाने पर जवाब तलब किया गया है।

इस मामले में संभल के एसडीएम दीपेंद्र यादव ने कहा है कि किसानों को भेजे गए नोटिस को संशोधित कर दिया गया है। 50 लाख वाले नोटिस को एसडीएम ने क्लेरिकल एरर करार दिया है।

इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि पुलिस के हवाले से उन तक ये सूचना पहुंची थी कि कुछ किसान अन्य किसानों को कृषि कानूनों के खिलाफ उकसा रहे हैं। जिसके चलते 6 किसानों को नोटिस भेजा गया है।

योगी सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम के खिलाफ 6 किसानों ने मुचलका भरने से साफ इनकार कर दिया है। किसानों का कहना है कि किसी भी स्थिति में वह यह मुचलके नहीं भरेंगे। हमने कोई जुर्म नहीं किया है।

हम अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। भले ही सरकार हमें जेल भेज दे या फिर फांसी पर चढ़ा दे। लेकिन हमें सरकार का यह फैसला मंजूर नहीं है।