बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में धमाकेदार जीत के बाद अब राजग ने सरकार बनाने की कवायद तेज कर दी है। सोमवार को नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सातवीं बार राज्य की कमान संभालेंगे। वहीं दूसरी ओर लगभग 15 साल बाद बिहार को नया उपमुख्यमंत्री मिलने जा रहा है। सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) की जगह दो नए चेहरे पर भारतीय जनता पार्टी भरोसा जता सकती है।

सीमांचल से आते हैं तारकिशोर
सूत्रों के मुताबिक पार्टी तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को यह अहम जिम्मेदारी दे सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं कौन है तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी जिन्हें नीतीश सरकार में उपमुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है। बिहार के सीमांचल इलाके से आने वाले तारकिशोर प्रसाद कटिहार सीट से चौथी बार विधायक चुने गए हैं। तारकिशोर सुशील कुमार मोदी के बेहद ही करीबी माने जाते हैं। 64 वर्षीय तारकिशोर वैश्य समुदाय से आते हैं और बीेजेपी के तेजतर्रार नेताओं की सूची में गिने जाते हैं।

2005 में लगातार जीतते आ रहे हैं तारकिशोर
साल 2005 में तारकिशोर प्रसाद पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। इस चुनाव के बाद तारकिशोर प्रसाद ने कभी पीछे पलटकर नहीं देखा। साल 2020 के चुनाव में तारकिशोर ने आरजेडी नेता डॉ राम प्रकाश महतो को करीब 12 हजार वोटो से हराकर अपना दबदबा कायम किया। माना जा रहा है कि सीमांचल इलाके में बीजेपी (BJP) के बेहतर प्रदर्शन के कारण तारकिशोर यह पुरस्कार मिल रहा है।

नोनिया समाज से आती हैं रेणु देवी
वहीं रेणु देवी का जुड़ाव भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से रहा है। दुर्गावाहिनी से अपने सियासी सफर की शुरूआत करने वाली बीजेपी विधायक रेणु देवी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद तक रहीं। अतिपिछड़ा समुदाय की नोनिया जाति से आने वाली रेणु देवी बचपन में ही संघ से जुड़ गई थी। देवी का जन्म 1 नवंबर 1959 को हुआ था। साल 1989 में रेणु देवी को चंपारण क्षेत्र की बीजेपी महिला मोर्चा का अध्यक्ष चुना गया। रेणु देवी को 1990 में तिरहुत प्रमंडल में महिला मोर्चा का प्रभारी बनाया गया और 1991 में प्रदेश महिला मोर्चा की महामंत्री बनीं।

बेतिया विधानसभा से लगातार विधायक बनती रही रेणु
साल 1993 और 1996 में बिहार बीजेपी (Bihar BJP) प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष चुनी गई। 2014 में उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया। रेणु देवी ने अपने विधायकी संघर्ष के दौरान काफी उतार चढ़ाव देखें। साल 1995 में उन्हें पहली बार नौतन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। साल 2000 में वह पहली बार बेतिया विधानसभा क्षेत्र विधायक चुनी गईं। साल 2005 में हुए दोनों विधानसभा चुनाव में वो विधायक बनकर विधानसभा पहुंची।

बिहार सरकार में मंत्री रहीं रेणु देवी
साल 2007 में रेणु देवी को बिहार सरकार के कैबिनेट में जगह मिली। उन्हें कला एवं संस्कृति विभाग की जिम्मेदारी दी गई। 2010 में भी बेतिया से जीतकर वो विधानसभा पहुंची। लेकिन लगातार 4 बार विधायक बनने वाली रेणु देवी को साल 2015 में कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा हार का सामना करना पड़ा। हालांकि अब वह एक बार फिर से जीतकर डिप्टी सीएम की रेस में शामिल हो गई हैं।