गांव की तरक्की मे रफ्तार लाने वाला फैसला : नरोत्तम सिंह

प्रदेश मे पंचायत चुनाव से पहले पंचायती राज विभाग ने पंचायत प्रतिनिधियो के अधिकारो और दायित्वो को नए सिरे से निर्धारण करने का फैसला किया है। इस फैसले से गांव कि तरक्की मे रफ्तार आयेगा । सारे कार्य मे पारदर्शीता बढेगा . नए प्राविधान के तहत ग्राम कचहरी के सरपंच को जिम्मेवारी बढ गया है। सरपंच को गांव मे सडको के रख रखाव से लेकर सिंचाई की व्यवस्था , पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने जैसे कार्य करेंगे। वही मुखिया को ग्राम सभा की बैठक बुलाने का तो अधिकार होगा ही विकास योजनाओ से जुड़ी पंजी की निगरानी की भी जिम्मेदारी होगी । यह शिकायत आम है की ग्राम सभा की बैठक नही होती है।और मनमाने तरीके से योजनाओं का निर्धारण कर लिया जाता है। इस पर इस पर लगाते हुए ग्राम सभा की बैठको मे समाज के कमजोर तबके के लोगो की बेहतर भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। इसके लिए ग्राम सभा के आयोजन की जानकारी उन इलाको मे व्यापक रूप से पहचानी होगी . जाहा कमजोर तबके के लोग रहते है।आम तौर पर ग्राम सभा मे महिलाओ की उपस्थिती बहुत कम रहती है। इसे बढाते हुए ग्राम सभा मे महिला केंदित समस्याओ पर चर्चा कर के सम्यक निदान कि कोशिश होनी चाहिए यह तभी संभव है जब पंचायत प्रतिनिधि अपने दायित्व और अधिकार को ठिक से समक्षे .
वही दूसरे पंचायत प्रतिनिधि कि बात करे तो उनको भी नये दायित्व मिला है । पंचायत समिति और जिला परिषद को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है , पंचायत समिती के जिम्मेदारी कि बात करे तो , उन्हे केन्द्र राज्य और जिला परिषद द्वारा सौपे कार्यो का निष्पादन करना होगा । पंचायत समिति का वाषिक बनाना व बजट पेश करना होगा । प्राकृतिक आपदाओ मे पंचायत समिति प्रमुख को 25 हजार रूपए तक खर्च करने का अधिकार होगा ।वही जिला परिषद को जो दायित्व दिया गया है । उसके मुताबिक पशु चिकित्सा अस्पतालो और औषधालयो की स्थापना , चलंत निदान और उपचार प्रयोगशलाओ की स्थापना करना गायो और सुअरो के प्रजनन प्रक्षेत्र कुक्कुट फार्म , बतख बकरी फार्म , दुग्धशाला , कुक्कुट पालन के अलावा माहामारी तथा धुत रोगो की , रोकथाम करना होगा ।
इसके अलावा ग्राम कचहरी को दीवानी क्षेत्राधिकार के साथ मामलो का दायर किया जाना एव ट्रायल व ग्राम कचहरी द्वारा पारित आदेश डिग्री कार्यान्वयन होगा।
अभी पंचायतो के माध्यम से कई तरह के योजनाओ चल रही है इन्हे धरातल पर उतारने मे भरपूर सहयोग करना आवश्यक है। पंचायत प्रतिनिधि अगर अपने दायित्व और कर्तव्य को सही ढंग से समक्षते हुए ईमानदारी से काम करना आरंभ कर दे , तो निश्चित ही गांव कि तरक्की मे रफ्तार आयेगा ।
तमाम योजनाओ का कार्यान्वयन पंचायतो के माध्यम से होना है। सरकार ने इस दिशा मे काम आरंभ कर दिया है। इसके बेहतर परिणाम आने शुरू हुए है । उम्मीद की जानी चाहिए कि ने नये बदलाव से त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था का सम्यक लाभ ग्रामीण जनता को मिल सकेगा।

    ये नरोत्तम कुमार सिंह का निजी विचार है।

नरोत्तम सिंह पत्रकारिता के छात्र है।