उड़ीसा (पुरी) से चलकर नई दिल्ली जाने वाली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस 02801 जो की प्रत्येक दिन चलने वाली गाड़ी है। जो इलाहाबाद होते हुए दिल्ली जाति है। आज पूरा विश्व जहां कोरोना वायरस को लेकर सदमे में है वही इस पुरुषोत्तम एक्सप्रेस में सोशल डिस्टेंसिंग, का कोई नियम ही लागू नहीं है। लोग अपने रोजगार के लिए पुनः बंगाल, बिहार, यूपी से दिल्ली के लिए निकल पड़े है। जेनरल डिब्बा मे इतना भीड़ है की पैर रखने भर का खाली स्थान नहीं है और लोग एक दुसरे से सटे हुए है। अब सो रही है सरकार , साहेब आपने तो लॉकडाउन में बीन लॉकडाउन वॉलेंस के दौड़ा दौड़ा कर मार रहे थे। अब कहां सो गए है , कहां है आपका पुलीस प्रशासन , कहां है रेलवे के अधिकारी , अब क्या इस रेल डिब्बे में कोरोना वायरस की संभावना नहीं है या आपके ये सभी लोग कोरोना vaccine ले चुके है। इनसे मैं बात भी किय इन लोग साफ साफ कहते आप न्यूज बनाकर क्या करेंगे हम लोगो को आदत और सरकार को आय का साधन बन चुका है एक ही सीट पर जनरल डिब्बे में 100 वेटिंग लिस्ट कहा का नियम है जिनको जाना है अब तो वो अपने पेट के लिए किसी हालत में जाने पर मजबूर है। सरकार को तो समझना चहिए की वो हमारे साथ क्या कर रही है। कोरोना में तो हमे सभी लोग पाठ पढ़ाते थे लेकिन अब वो लोग कहां है। एक लोग ने ये भी बात कहे की हम दिल्ली स्टेशन पर उतर जायेंगे तब भी हमारा कोरोना चैक नहीं किया जायेगा और हम अपने घर चले जायेंगे और हम कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो पूरा मेरा परिवार पॉजिटिव हो जायेगा फिर हमारी चेकअप तो किया जाए। इससे यही साबित होता है की वो दिल्ली के केजरीवाल की सरकार हो , बंगाल मे ममता की सरकार हो या केन्द्र में मोदी का सरकार हो सभी सरकार फेल है। केवल वो सुबह के न्यूज पेपर मौजूद रहते है कहीं कुछ नही है। और जब ये लोग दिल्ली में आंदोलन करेंगे तो फिर कोरोना का पाठ पढ़ाने वाली सरकार तुम कायर हों फिर सबको फिरी छोड़ दो होने दो जो होगा वरना ट्रेन का उपलब्धि कराओ वरना किनको किनको मारोगे। फिर तब तो ये लोग कोरोना विरोधी टीका नही लेंगे तो फिर तुम बोलने का हकीदार नही और तुमको और तुम्हारे ऑफिसर को दौड़ा दौड़ा कर मारेंगे। संजय कुमार का रिर्पोट।