बिहार

बिहार एक गरीब राज्य है यहां के मुख्यमंत्री कहते हैं कि हमारे पास नदी नहीं है इसलिए उद्योग नहीं लगाए जा सकते और इतनी बड़ी जनसंख्या को हम नौकरी दे नहीं सकते तो फिर यहां की जनता तो सरकारी योजनाओ पर ही तो निर्भर रहेगी लेकिन सरकारी योजनाओ का भी सही लाभ जनता को नहीं मिल रहा है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली में धांधली

पीडीएस सिस्टम के अन्तर्गत सरकार गरीब लोगो को राशन देती हैं लेकिन आज राशन बांटने वाला दुकानदार इतना दलाल हो गया है कि वो राशन सही से नहीं दे रहा है । मै आपको एक सच्ची घटना से रूबरू करता हूं जिस घटना को सही पड़ताल करने के बाद लिखा जा रहा है। ये बिहार के डेहरी ऑन सोन की घटना है जहां मैक्रेन गांव के निवासी इंदरजीत इसका खुलासा किए है इंदरजीत गांव से बाहर बॉम्बे रहते हैं वो अपने गांव मैक्रेन आए थे उनको राशन लाना था वो राशन लाने के लिए अपने गांव मैक्रेन के वार्ड नंबर-11 के डीलर लवेश कुमार के पास गए जैसे ही उन्होंने राशन कि मांग की तो उन्होंने देखा कि 50 kg वाले थैले में 50 kg के स्थान पर मात्र 40 kg ही राशन है । शिक्षित इंदरजीत ने इसका विरोध किया विरोध करने पर इंदरजीत को धमकी भी मिला कि आप जाइए जो हो सके कीजिए अंतिम में इंदरजीत को केवल 50 kg राशन देने की बात डीलर ने मान ली और कहा कि आप 50 kg ले लीजिए लेकिन शोर मत कीजिए इसी तरह से सभी पीडीएस दुकानदार डीलर करते हैं। दुःखी इंदरजीत ने मने मन सरकार को भली भांति बहुत कुछ कहे लेकिन वो क्या कर सकते की जब सभी लोग मुखिया , वार्ड, बीडीओ एसडीएम , डीएम और सरकार के मंत्री मिलकर जब यही कार्य कर रहे हैं।

ये बात केवल एक लोगो के साथ नहीं है बल्कि बिहार के सभी जगहों पर यही स्थिति है । वही नहीं बल्कि ये भी है कि डीलर किसी दूसरे नाम पर है और उसका देख रेख कोई और करता है वो भी ठीका दे चुके होते हैं अधिकांश बिहार में यही हो रहा है। किसी व्यक्ति का मृत्यु भी हो जाता है लेकिन उसका मृत्यु प्रमाण – पत्र न बनाकर उसके नाम पर राशन वसूली सरकार से डीलर करते हैं जो खूब कमाते हैं कभी इन पर भी आईटी ईडी सीबीआई की छपा पड़ जाए तो इनके काले करतूत सामने आ जायेंगे । लेकिन ,सरकार ,अधिकारी, डीलर सभी मिलकर खाते हैं तो फिर भंडा कौन फोड़ेगा लेकिन सच में हमारे समाज में डीलर की ब्लैक में सम्पत्ति तो एक मंत्री से भी अधिक हो सकता है।

बेचारा डीलर के पास भी वही भ्रष्टाचार का ही रास्ता है

अब सरकार भी डीलर को मानदेय थोड़े देती है इसीलिए डीलर भी अपना भरपाई कहां से करेंगे डीलर को स्थाई मानदेय मिले तो शायद वो ये काम करना बंद कर दे और सही रूप से राशन दे नहीं तो वो चोरी करेंगे ही और जनता खोखली होती जायेगी और डीलर प्रत्येक लोगो को 1kg ,2kg राशन कम देगा ही देगा या पूरा का पूरा निगल जायेगा।

ये संजय कुमार यादव की कलम से