फारूक अब्दुल्ला जो कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री है वह शनिवार को दुर्गा अष्टमी और महानवमी के मौके पर प्राचीन दुर्गा नाग मंदिर पहुंचे! जहां पर फारूक अब्दुल्ला ने दर्शन किए और लोगों के कल्याण के लिए प्रार्थना की! बता दें कि इसी हफ्ते फारूक अब्दुल्ला 84 साल के हो चुके हैं!

शनिवार शाम फारूक अब्दुल पार्टी के सदस्यों के साथ डल गेट स्थित मंदिर पहुंचे! यह उस समय की बात है जब कश्मीरी पंडित समुदाय के लोग वहां पर हवन कर रहे थे! इस दौरान फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि यह हमारे हिंदू भाइयों और बहनों के लिए अहम दिन है और इस मंदिर की अहमियत है मैं यहां मनाई जा रहे धार्मिक उस्तव की बधाई देने आया हूं!

इतना ही नहीं बल्कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने विस्थापित कश्मीरी पंडित समुदाय के जल्द से जल्द वापस अपने घरों को लौटने के लिए भी प्रार्थना की है! इस दौरान अब्दुल्ला ने पठानी सूट पहन रखा था और मास्क लगाया हुआ था! उन्होंने कोविड-19 के कारण लोगों से सार्वजनिक स्थलों पर महामारी से बचाव के सभी उपायों का पालन करने की अपील की! बता दें कि दुर्गा नाग मंदिर 700 साल पहले बनाया गया था और 2013 में मंदिर परिसर में एक शिवलिंग प्रतिष्ठित किया गया था!

इससे पहले फारूक अब्दुल्ला शनिवार दोपहर को जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की आवास पर गुपकर घोषणा की बैठक का हिस्सा बने थे! इस बैठक के अंदर एनसी, पीडीपी के अलावा जम्मू-कश्मीर के 6 राजनीतिक दल शामिल हुए! फारुख अब्दुल्ला को इस बैठक में पीपुल्स अलायंस फॉर डिक्लेरेशन का अध्यक्ष और महबूबा मुफ्ती को उपाध्यक्ष घोषित किया गया और वही, सज्जाद लोन को गठबंधन का प्रवक्ता बनाया गया!