सिविल सेवाओं में दिव्यांग छात्रों की सिलेक्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जांच के निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला की सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा है कि आख़िर केंद्र सरकार किस योग्यता पर दिव्यांगजन को सिविल सेवा के विभिन्न श्रेणियों के पदों पर नियुक्त किया जाता है।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा कि व्यावहारिकता जरूरी है उसे देखना भी चाहिए।
न्यायमूर्ति एस ए नाजिर और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने कहा कि दिव्यांगता के प्रति सहानुभूति एक पहलू है। लेकिन निर्णय की व्यावहारिकता को भी ध्यान में रखा जाना जरूरी है।
कोर्ट का कहना रहा की दिव्यांग सभी श्रेणियों में शारीरिक रूप से फिट नहीं हो सकते इसीलिए इसका जांच जरूरी है।
- कोर्ट के इस बयान पर केंद्र सरकार ने जांच के लिए समय की मांग की है कोर्ट ने भी 8 दिन का समय दिया है।
- स्रोत – अमरउजाला