बिहार राज्य को राजद कांग्रेस बीजेपी और जेडीयू ने दीमक की तरह चूसा है तेजस्वी यादव नियुक्ति पत्र का दिखावा कर रहे हैं।

बिहार में महागठबंधन की सरकार बनते ही राजद के कार्यकर्ताओं में खुशी तो है लेकिन जदयू के कार्यकर्ता वहीं फिर बीजेपी पर हमलावर दिखाई दे रहे हैं तो बीजेपी के नेता जंगलराज की बात कर रहे हैं। लेकिन बात यहां पर यह है कि सभी राजनेता और वर्तमान में सभी राजनीतिक पार्टियां बिहार की सत्ता की स्वाद चखा है फिर भी सुधार करने का कोई कोशिश नहीं किया गया।

2020 में बिहार विधानसभा की चुनाव हुई तो उसमे महागठबंधन के मैनीफेस्टो में मुख्य बात 10 लाख सरकारी नौकरी देने का बात सीएम चेहरा तेजस्वी यादव कह रहे थे लेकिन जनादेश एनडीए के पक्ष में गया जिसका सीएम चेहरा नीतीश कुमार थे जिनके पक्ष 19 लाख रोजगार देने की बात कहा गया था। आज बहुत अच्छी बात है कि दोनों ने सत्ता का स्वाद चखा जब नीतीश कुमार एनडीए के साथ थे तो नौकरी नहीं था और जैसे ही तेजस्वी यादव के पास आएं तो नौकरी खूब हो गया वो प्रत्येक दिन नियुक्ति पत्र बांटते ही नजर आते हैं।

नियुक्ति पत्र बांटने के पीछे की बात

तेजस्वी यादव भी केवल बिहार की जनता को मोहरा बनाना चाहते हैं वो मोहरा बनाकर बिहार की जनता से वोट लेकर एक बार बिहार का सीएम बनना चाहते हैं तो नीतीश पीएम मैटेरियल बनना चाहते हैं लेकिन इस तरह से काम कर वो नहीं बन पायेंगे। आपको बताते चले की अभी महागठबंधन की सरकार बने तीन माह हुए है और इस तीन माह में वैकेंसी कहां से आया कि नीतीश – तेजस्वी नियुक्ति पत्र बांट रहे है। बीजेपी नेता सुशील मोदी तो सरकार में रह चुके हैं और वो सारी बाते जानते है खुलासा करते हुए मोदी ने कहा कि एनडीए की सरकार में ही उर्दू शिक्षक से लेकर दरोगा, सिपाही तक हजारों नियुक्ति पूरी की गई थी और उन्हें ही दिखावटी में नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा है। वहीं नहीं हद तब हो गया जब कुछ दरोगा व सिपाही को नियुक्ति पत्र बांटने लगे इन लोगो ने 10,459 पदो पर सिपाही व दरोगा की नियुक्ति पत्र पहले ही जोन के संबंधित एसपी- डीआईजी द्वारा बांटा चुका है और उनका प्रशिक्षण भी चल रहा है। बल्कि यहां तक भी नियुक्ति पत्र पा रहे पहले से नियुक्ति पत्र पा चुके अभ्यर्थियों को ये पता नहीं चल रहा है कि आखिर ये सरकार हमारे साथ क्या कर रही है।

ये पहली बार है कि किसी राज्य में सीएम और डिप्टी सीएम एक साथ नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं। ये बिहार की जनता को बेवकूफ समझ रहे हैं मै आपको बता दूं की ये सोचते है की हम 10 लाख कोटा पूरा करेंगे सरकारी नौकरी का तो ये सारे नियुक्ति पत्र बांटने का काम शुरू कर दे । साहेब यहां से जब कैंडिडेट का घर वाला देखेगा की नियुक्ति पत्र पुनः मिल रहा है तो आम जनता तो नहीं समझ पाएगी लेकिन उस कैंडिडेट के घर वाला तो सभी लोग जान जायेंगे आखिर ये सरकार भी वही है ।

इस तरह हम कह सकते हैं कि लालू यादव की पार्टी राजद ने 15 साल राज्य किया जिन्होंने एक अनपढ़ और एक नौ फेल मुख्यमंत्री दिया। दूसरा बीजेपी जदयू ने भी लम्बा समय बिहार के सत्ता का स्वाद लिया लेकिन उसका लाभ भी बिहार की जनता को कहीं दिखाई नहीं दिया। कांग्रेस ने भी लम्बा समय सरकार में रही लेकिन कुछ सुधार नहीं हुआ । बिहार आज भी वही का वही खड़ा है। बिहार में कुछ है तो वो है गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी बस और कुछ नहीं इनको कुछ करना थोड़े है ये तो केवल जनता को बात का भात खिला कर वोट लेना चाहेंगे। और जनता भी काफी तेज होती है वो भी जाति के नाम पर वोट करने के लिए मजबूर होती है। वरना समाज में उसको दबा दिया जायेगा । किसी को यादव का वोट चाहिए तो किसी को कुर्मी का, तो किसी को कोइरी, तो किसी को एससी एसटी का, ब्राह्मण, राजपूत , लाला, बनिया, का अर्थात् इनलोगों ने हमें हमारे बीच ही बांट दिया है।

ये संजय कुमार यादव की कलम से है