कृषि कानून बनाने से पहले भाजपा की मोदी सरकार ने किसानों को कानों कान खबर नहीं होने दी। लेकिन अब जब किसान देश की सड़कों पर आंदोलनरत हैं तो भाजपा नए कृषि कानूनों की उपयोगिता यूपी के किसानों को समझाने में लगी हुई है।

भाजपा उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा के चुनाव को देखते हुए अपनी राजनीति चमकाने के लिए यूपी के किसानों को कृषि कानून समझाने के लिए जिलों में किसान सम्मेलन कर रही है।

किसानों को लेकर भाजपा की इस राजनीति का करारा जवाब देते हुए यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने आड़े हाथों लिया है।

अखिलेश यादव ने कहा कि, “भाजपा ने कृषि-क़ानून बनाने से पहले किसानों के कानों को ख़बर तक न होनी दी, अब ‘किसान सम्मेलन’ करके इसके लाभ समझाने का ढोंग कर रहे हैं।”

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि, “सच तो ये है कि किसानों का सच्चा लाभ स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू होने से होगा, तभी आय दुगुनी हो सकती है। ये कृषि-क़ानून नहीं भाजपा का शिकंजा हैं।”

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने कृषि कानून बनाने से पहले न तो किसान संगठनों और न ही विपक्ष से चर्चा की थी। जल्दबाजी में सरकार ने तीनों कानून बना दिया।