आखिरकार किसानों के आगे मोदी सरकार को झुकना पड़ा गया। पंजाब-हरियाणा से चले किसानों को दिल्ली आने की इजाजत मिल गई है। क्योंकि बीते 2 दिनों में पुलिस ने हर हथकंडे अपनाने के बाद भी किसानों को रोक नहीं पाई।
वहीँ सरकार के इशारे पर पूरी मीडिया किसान और किसान नेताओं को बदनाम नहीं कर पाई।
मोदी सरकार पक्ष लेते हुए मीडिया ने इस कोरे किसान आंदोलन को आतंकवादी संगठन खालिस्तान और विपक्ष का सहयोग बताने की नाकाम कोशिश की।
इस आंदोलन को जिस तरीके से भाजपा के संगठनों और मीडिया ने किसानों को बदनाम किया, अब ये लोग किसान हित की बात करेंगे तो शायद बेईमानी लगे।
बता दें कि किसान सिंधु बॉर्डर से दिल्ली आ सकेंगे, इस दौरान पुलिस की टीम उनके साथ ही रहेगी। किसान बीते दिन से ही दिल्ली आने की कोशिश में थे।
इस दौरान कई बार पुलिस ने कई जगहों पर उनपर आंसू गैस के गोले छोड़े, इस ठंढ में पानी की बौछारें मारी, सड़क पर बडे-बडे पत्थर डाल दिये, लेकिन किसान अपनी मांगों से टस से मस नहीं हुए।