दिल्ली की हाड़ कंपाने वाली ठंड में चल रहे किसान आंदोलन को 22 दिन हो चुके हैं। किसान भाजपा द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को वापिस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।
मोदी सरकार अलग-अलग तरीकों से कृषि कानूनों को लेकर समझाने की कोशिश में जुटी हुई है। लेकिन किसान इन काले कानूनों के खिलाफ अपनी लड़ाई तब तक नहीं छोड़ेंगे। जब तक मोदी सरकार इन्हें निरस्त नहीं करती।
दिल्ली में पड़ रही कड़ाके की ठंड के बीच अब तक आंदोलन के दौरान 22 किसानों की मौत हो चुकी है। इस मामले में भाजपा सरकार विपक्ष के निशाने पर आ चुकी है।
दरअसल भाजपा हमेशा खुद को किसान हितेषी बताती आई है। लेकिन भाजपा के राज में आज ठंड में सड़कों पर उतरे किसान दम तोड़ रहे हैं। लेकिन भाजपा पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा।
इस मामले में पत्रकार आदेश रावल ने भाजपा पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “22 किसानों की मौत हो चुकी है। नवाज़ शरीफ़ की माँ के निधन पर तो पत्र भेज दिया कोई इन अन्नदाता के परिवार को दो शब्द लिखकर भेज दो”
गौरतलब है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मां के निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए एक पत्र लिखा है।
इस पत्र को पाकिस्तान मुस्लिम लीग द्वारा जारी किया गया है। जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा है कि उन्हें नवाज शरीफ की मां के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ है।
हैरानीजनक बात ये है कि देश के अन्नदाता अपने अधिकारों के लिए लड़ते हुए दम तोड़ रहे हैं। लेकिन इसपर पीएम मोदी ने चुप्पी साध रखी है।
पीएम मोदी के पास पड़ोसी मुल्क के पूर्व पीएम को पत्र लिखने का वक़्त है। लेकिन देश के किसानों से बात करने का वक़्त नहीं है। बीते 22 दिनों में 22 किसानों की मौत पर भाजपा नेताओं ने एक भी शब्द नहीं कहा है।